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हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां एवं असमानता दूर करने
में गंभीरता से जुट गई है। कर्मचारियों, कर्मचारी संघों एवं यूनियनों से
प्रशासनिक विभाग के माध्यम से वेतन विसंगति दूर करने के लिए सुझाव मांगे गए
हैं। सुझावों को प्रशासनिक विभाग जांच कर अपनी टिप्पणी सहित 15 अप्रैल
2015 तक वेतन विसंगति आयोग को भेजेगा। सुझावों की जांच के दौरान यह देखा
जाएगा कि प्रतिवेदन वेतन विसंगति को दूर करने के लिए है या छठे वेतन आयोग
की सिफारिशों को लागू करने से उत्पन्न वेतन असमानताओं को दूर करने या पंजाब
की तर्ज पर वेतनमान देने की मांग से संबंधित है। प्रशासनिक विभाग इन
प्रतिवेदनों की मैरिट के आधार पर जांच करेगा। यदि छठे वेतन आयोग की
सिफारिशों को लागू करने से उत्पन्न वेतन असमानताओं को दूर करने से संबंधित
मांग एवं सिफारिश होगी तो प्रशासनिक विभाग द्वारा पद के लिए शैक्षणिक
योग्यता, काडर की श्रेणीबद्घ संरचना, सेवा समूह, पद या काडर का पे-स्केल
आदि की तुलनात्मक तालिका भेजी जाएगी। पंजाब तर्ज पर वेतनमान प्रदान करने के
मामले में भी पद के लिए शैक्षणिक योग्यता, काडर की श्रेणीबद्ध संरचना,
सेवा समूह, पद या काडर का पे-स्केल आदि की तुलनात्मक तालिका प्रशासनिक
विभाग सरकार को देगा।