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जहां एक ओर वॉट्सऐप वेब वर्जन की एक्सेस का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा
था, वहीं दूसरी ओर इसके लॉन्च होने के बाद कई कारणों से ये फीचर लोगों को
निराश कर रहा है। वॉट्सऐप के वेब ब्राउजर में कुछ ऐसी कमियां हैं जिन्हें
अगर कंपनी ठीक कर ले तो यूजर्स को काफी सहूलियत हो सकती है। आइए जानें क्या क्या कमियां हैं नए वेब वर्जन में:
- प्राइवेसी को हो सकता है खतरा: वॉट्सऐप के इस वेब वर्जन से यूजर्स की प्राइवेसी को भी खतरा हो सकता है। मान लीजिए कोई अपना फोन किसी परिचित के पास छोड़कर दो मिनट के लिए बाहर गया है। ऐसे में अगर परिचित इंसान ने QR कोड स्कैन कर वॉट्सऐप वेब क्लाइंट एक्टिवेट कर दिया तो संबंधित इंसान के वॉट्सऐप की पूरी डिटेल्स और मैसेज परिचित इंसान के डेस्कटॉप पर आ जाएगा। इससे सिक्युरिटी में कितना फर्क पड़ेगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। फोन के स्टेटस से ये भी पता लगाया जा सकता है कि सामने वाला इंसान कहां है। इसके लिए गूगल मैप्स की मदद ली जा सकती है। एक बात जो वॉट्सऐप वेब वर्जन में अच्छी है वो ये कि दो कम्प्यूटर पर एक साथ लॉगइन नहीं हो सकता है। ऐसा हो तो सकता है, लेकिन अगर एक मिनट के लिए भी वॉट्सऐप की एक्सेस किसी गलत इंसान तक पहुंच गई तो यूजर्स को मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है।
- नहीं करता है iOS यूजर्स को सपोर्ट: वॉट्सऐप वेब वर्जन स्मार्टफोन यूजर्स को वेब ब्राउजर के साथ सिंक्रोनाइज करने की सुविधा देता है। इस सर्विस का इस्तेमाल एंड्रॉइड, ब्लैकबेरी और विंडोज मोबाइल से तो वॉट्सऐप के वेब वर्जन को कनेक्ट किया जा सकता है, लेकिन जहां तक iOS की बात है तो अभी तक वॉट्सऐप ने एप्पल यूजर्स के लिए ये सुविधा नहीं दी है। वॉट्सऐप के अनुसार एप्पल की प्लेटफॉर्म लिमिटेशन के कारण iOS यूजर्स के लिए ये सुविधा संभव नहीं हो पाई है।
- फोन को हमेशा इंटरनेट से रहना होगा कनेक्ट: वॉट्सऐप वेब बहुत अच्छा ऑप्शन बनकर उभरा है, लेकिन इस सर्विस के साथ एक बड़ी समस्या भी है। वॉट्सऐप को वेब ब्राउजर पर सिर्फ तब तक इस्तेमाल किया जा सकेगा जब तक फोन में इंटरनेट ऑन रहेगा। फोन में डाटा कनेक्शन बंद होते ही या फिर किसी और कारण से फोन के बंद होते ही वॉट्सऐप का वेब वर्जन भी बंद हो जाएगा। वॉट्सऐप का इस्तेमाल वेब ब्राउजर में करने के लिए आपके फोन को हमेशा ऑनलाइन रहना होगा।
- गूगल क्रोम के अलावा नहीं चलेगा कोई भी ब्राउजर: क्रोम एक अच्छा ब्राउजर है सभी जानते हैं, लेकिन कई यूजर्स फायरफॉक्स, इंटरनेट एक्सप्लोरर या ओपेरा जैसे वेब ब्राउजर्स का इस्तेमाल भी करते हैं। अब अगर वॉट्सऐप के वेब वर्जन की बात करें तो ये वर्जन सिर्फ क्रोम ब्राउजर पर ही काम करेगा। इस कारण से कई यूजर्स को निराश होना पड़ सकता है।
- ब्लॉक नहीं कर सकते कोई भी यूजर: वॉट्सऐप के वेब वर्जन की कई कमियों में से एक ये है कि जिस तरह मोबाइल ऐप में यूजर्स को ब्लॉक किया जा सकता है उस तरह वॉट्सऐप के वेब वर्जन में नहीं किया जा सकता है। अगर आपको किसी कॉन्टैक्ट को ब्लॉक करना है तो इसके लिए वॉट्सऐप के मोबाइल ऐप वर्जन का ही इस्तेमाल करना होगा।
- नहीं बना सकते ना छोड़ सकते हैं कोई ग्रुप: वॉट्सऐप के वेब वर्जन में एक और कमी है। वॉट्सऐप वेब ब्राउजर से ना तो कोई नया ग्रुप बनाया जा सकता है और ना ही किसी ग्रुप से हटा जा सकता है। इसके अलावा, जैसे वॉट्सऐप के मोबाइल वर्जन में ब्रॉडकास्ट मैसेज भेजे जा सकते हैं वैसे हम वेब वर्जन का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।
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साभार:
भास्कर समाचार
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