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कई बार हम काम करने के लिए सोचते हैं,लेकिन फिर आलस्य की वजह से काम
नहीं करतें। हर मनुष्य सोचता है कि अपना काम तो वह कभी भी कर सकता है पर
ऐसा सोचते हुए उसका समय निकलता जाता है। दरअसल हमारा कोई भी काम गलत होने
पर हम भाग्य को दोष देते हैं,लेकिन कमी हमारे अंदर होती हैं। हम काम को
टालते रहते हैं। ऐसा नहीं है कि काम को टालना कोई किस्मत या नेचर होता
हैं, दरअसल काम को टालना हमारी आदत बन जाती है, जो आगे चलकर नुकसान भी दे
सकता हैं। आज हम आपको आलस्य से निजात पाने के लिए टिप्स दे रहें हैं:
- काम को टुकड़ों में बांट कर करें: किसी भी बड़े काम को करने के लिए हम 10 बार सोचते हैं कि कल करुंगा या करुंगी और कुछ टाइम सोचने के बाद छोड़ देते हैं। इसके लिए बेहतर है कि काम को टुकड़ों में बांट ले और जो ज़रूरी है वो पहले करने की कोशिश करें। छोटे काम करने के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत होती नहीं इसलिए काम को अलग-अलग कर लें। लाइफ में आगे बढ़ने के काम को नीति के अनुसार बनाएं और फिर उस पर अमल करना शुरू करें।
- सही से रेस्ट, एक्सरसाइज़ और भरपूर नींद: कई बार ऐसा होता है कि नींद न पूरी होने की वजह से भी हम आलस्य महसूस करते हैं। रोज़ की लाइफ में एक्सरसाइज न करना या दिनभर काम करने के बाद सही से रेस्ट न करना। ये सब भी आलस्य के कारण हो सकते हैं। इसलिए दिनभर काम करने के बाद सही समय पर नींद पूरी करें और रोज़ एक्सरसाइज़ करने का एक नियम बना लें,जिससे आप दिनभर फ्रेश महसूस करेंगे।
- खुद को प्रेरित रखें: किसी भी काम करने के लिए अंदर से एनर्जेटिक होना जरूरी है,तभी आप कोई काम कर सकते हैं। कई बार किसी काम को लेकर उत्साहित न होने की वजह से काम को नहीं करते,शायद वो काम हमें जरूरी नहीं लगता। इसलिए किसी भी काम को करने के लिए पहले खुद को प्रेरित करें।
- अपना एक उदेश्य बनाएं: आपका लाइफ में क्या उदेश्य है और किस लिए करना चाहते हैं, इन सभी बातों को लेकर पहले से ही क्लियर विचार रखें। हर काम को करने का एक उदेश्य और रीजन होता है। इसलिए अपने लाइफ के उदेश्य के बारे में सोचें। तभी कोई काम करने में सफल हो सकते है।
- फायदे के बारे में सोचें: खुद से सोचें कि अगर आप आलस्य न करें, तो क्या-क्या कर सकते हैं या आपके आलस्य न करने से कोई काम कितनी जल्दी हो सकता हैं। किसी भी काम को करने से पहले उसकी बुराई के बारे न सोचते हुए अच्छाई और फायदे के बारे में सोचें। टास्क के मुश्किल पहलुओं पर नजर रखें और अपना टारगेट बनाएं कि कैसे किया जा सकता है। आलस्य को दूर करने के लिए माइंड को फायदे की तरफ मोड़े।
- काम के महत्व के बारे में सोचें: आलस्य होने पर क्या हो रहा है इसके बारे में सोचें। अगर फिर भी आप आलस्य महसूस कर रहे हैं तो काम और समय की महत्व को समझें और आगे बढ़ने के लिए खुद को धकेलें।
- एक समय में एक ही काम करें: आलस्य को दूर करने का सबसे बेहतर तरीका है कि एक समय में एक ही काम करें। एक साथ ढेर सारे काम देखकर आलस्य आ जाता है।
- खुद का आकलन करें: जितना आप खुद के बारे में जानते हैं, उससे अच्छा कोई और नहीं जान सकता इसलिए अपनी आदतों, काम करने के तरीकों और काम को लेकर खुद से ही आकलन करें। किसी काम को लेकर आप कितने उत्साहित है और कितनी एनर्जी के साथ करते हैं, इसके लिए खुद से पहले सवाल पूछें। जब भी किसी काम करने के लिए सोचें या काम को लेकर आलस्य आ रहा हो, ऐसे में अपने आप से बात करें।
- ये बातें हमेशा ध्यान रखें: मुझे अपने उदेश्य को पूरा करना है, मेरे पास काम को करने के लिए एनर्जी और प्रेरणा हैं,जो वो काम कुछ भी हो, काम मुझे स्ट्रॉन्ग बनाता है।
- काम को एक्सरसाइज़ की तरह लें: आप जो काम करने के लिए सोच रहे हैं, उससे सोचें कि वह आपके लिए एक्सरसाइज़ जैसा है। काम करने से आपका वर्कआउट होगा। इसलिए जितना जल्दी हो काम को खत्म करें।
- टालमटोल करना: अपने अंदर टालमटोल करने की आदत को छोड़ दें, इससे आलस्य बढ़ता है। आपने जो भी काम करना है या करने की सोच रहे हैं, उसे लेट न करें या कल के ऊपर न डालें।
- सफल लोगों से सीख लें: खुद को सफल बनाने के लिए उन सफल लोगों के बारे में पढ़े या जानें, जिन्होंने सफल होने के लिए मेहनत की हैं। खुद को उत्साहित और प्रेरणा के लिए सफल लोगों के बारे में पढ़ते रहना चाहिए। आलस्य एक तरह से इंसान का दुश्मन है इसलिए इस दुश्मन को घर में जगह न दें। दिमाग में नेगेटिव विचार आने से भी आलस आने लगता है इसलिए हमेशा खुद को पॉजिटिव रखें।
इसके इलावा नीचे दिए गए सात प्रकार के भोजन से भी दूरी बनाकर रखेंगे तो काफी लाभ हो सकता है:
- प्रोसेस्ड फूड: बाहर से आने वाले रेडी-टू-इट फूड काफी धीमी गति से डाइजेस्ट होते हैं। पेट के लिए इन्हें डाइजेस्ट करना काफी मुश्किल होता। वहीं, घर का बना खाना जल्दी और आसानी से डाइजेस्ट होता है। इसीलिए ऐसे खाने के बाद शरीर थका और आलसी महसूस करता है। इससे बचने के लिए घर का बना खाना ही खाएं और कोशिश करें जहां भी जाएं घर का खाना बनाकर साथ लेकर जाएं।
- फ्राइड फूड: ऑइल डीप फ्राइड फूड में फैट होता है, जिस वजह से शरीर को इसे डाइजेस्ट करने में काफी टाइम और एनर्जी लगती है। इसी कारण फ्राइड फूड खाकर सुस्ती और नींद आती है। डीप ऑयली फ्राइड फूड खाने के बजाय ग्रिल सैंडवीच या स्वीट कॉर्न खाएं।
- कैफीन: ऑफिस में आप फ्रैश फील करने के लिए कॉफी पीते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कॉफी आपको जगाती नहीं बल्कि सुलाती है। जी हां, कॉफी, चाय और सॉफ्ट ड्रिंक आदि में कैफीन होता है, जिससे बॉडी को सुस्ती और नींद महसूस होती है। वहीं, अगले दिन भी इसका असर रहता है जिससे थकान महसूस होती है। यह सब तभी होता है जब कैफीन की मात्रा अधिक ली जाए। कॉफी की जगह नींबू पानी या नारियल पानी पिएं, इससे बॉडी को एनर्जी मिलती है।
- मीठा खाना: लंच या डिनर के बाद सभी को मीठा यानि चॉलकेट खाना पंसद होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चॉकलेट में शुगर की अधिक मात्रा शरीर को आलसी बनाती है। शायद आपने नोटिस भी किया हो कि इसे खाने के बाद उंघाई भी आने लगती है। इसीलिए इसे कम खाएं। इससे बचने के लिए मीठे में चॉकलेट की बजाय फल खाएं या फिर एक या दो डार्क चॉकलेट के पीस ही खाएं। डार्क चॉकलेट में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होता है।
- एनर्जी ड्रिंक: इसका असर नाम से बिल्कुल उलटा होता है। क्योंकि इन एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन, शुगर और कभी-कभार एल्कोहल भी होता है। जिससे एनर्जी ड्रिंक्स की ज्यादा मात्रा शरीर को थका और आलसी महसूस कराती है। एनर्जी ड्रिंक की बजाय घर में बना शरबत पिएं।
- चावल: सफेद चावल हाई ग्लासीमेक इंडेक्स में आते हैं। यानि इनमें कार्बोहाइड्रेट होता है, जो ब्लड शूगर पर इपैक्ट करता है। इसे खाने से शरीर को सुस्ती महसूस होती है। इसकी जगह ब्राउन राइस खा सकते हैं। यह एंटी ऑक्सीडेंट, फाइबर से भरपूर होते हैं। साथ ही इनसे वेट लूज़ करने में मदद मिलती है।
- बादाम: हार्ट अटैक रिस्क कम करने, मेमोरी शार्प करने, वजन कम करने आदि के लिए बादाम का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आपको मामूल है कि इसमें पाए जाने वाले मैग्नेशियम और पोटैशियम मसल्स को रिलैक्स (शिथिल) करते हैं। जिससे शरीर को सुस्ती आती है। सुस्ती से बचने के लिए बादाम की जगह काजू खाएं। इसमें बाकि नट्स के मुकाबले कम फैट होता है और इसमें लगभग उन्नीस तरह के विटामिन और मिनरल्स भी पाए जाते हैं।
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साभार:
भास्कर समाचार
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