Friday, January 23, 2015

स्मोकिंग छोड़ना या छुड़वाना चाहते हैं तो इसे पढ़ लें

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नोट: इस आर्टिकल में बताए गए टिप्स सभी पर लागू होना असंभव है। कृपया विवेकानुसार समझें।
बुरी आदतें युवाओं को जल्दी लगती हैं, जिसके चलते देश की युवा पीढ़ी भटक जाती है। स्मोकिंग भी एक ऐसी आदत हैं, जो आज के युवाओं की स्टाइल में शामिल हो गई है। नॉन स्मोकिंग डे पर हम आपको स्मोंकिग और उससे जुड़ी दिक्कतों के बारे में बता रहे हैं। दुनिया भर में स्मोकिंग को खत्म करने के लिए एक बड़ी मुहिम चल रही है।
इसमें युवाओं को जागरूक किया जा रहा है। युवाओं में सिगरेट की लत को कम करने के लिए ई-सिगरेट भी बनायी गई है। इस पर हुई एक रिसर्च से यह पता चला है कि ई-सिगरेट से काफी हद तक तंबाकू पीने की इच्छा को कम किया जा सकता है। 
ई-सिगरेट क्या है?
यह एक इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट है। इसे पर्सनल वेपोराइजर कह सकते हैं जिसमें इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलिवर सिस्टम होता है। यह बैटरी से चलता है। इसे पीने से आपको ऐसा लगता है कि आप सिगरेट या तंबाकू पी रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में तंबाकू नहीं होता, बल्कि निकोटीन का इस्तेमाल होता है जो तंबाकू के पौधे से लिया जाता है। यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार, 48 प्रतिशत लोग जो बिना किसी वजह के स्मोकिंग करते हैं, उनके लिए ई-सिगरेट पीना सही रहता है। इससे उनकी सिगरेट पीने की इच्छा कम हो जाती है। रिसर्च से पता चला है कि ई-सिगरेट से तंबाकू पीने की आदत छूट जाती है और सिगरेट छोड़ने के बाद होने वाली दिक्कतों से भी राहत मिलती है। अगर आपको सिगरेट पीने की ज्यादा लत है तो ई-सिगरेट आपकी सिगरेट छोड़ने में मदद करती है।
  1. सिगरेट पीने से आदत पड़ जाती है: कई बार ऐसा होता है कि कुछ दिनों तक सिगरेट पीते रहने से इसकी आदत पड़ जाती है। कुछ लोग तो कॉफी और सिगरेट एक साथ पीते हैं, जिससे ज्यादा नुकसान होता है। चाय में कैफीन और सिगरेट में निकोटीन होता है। कैफीन और निकोटीन का मज़ा लेने के लिए काफी लोग एक साथ इन्हें पीते हैं। सिगरेट छोड़ने के लिए ज़रूरी है कि चाय और सिगरेट एक साथ न पिएं। इसके बाद ई-सिगरेट का यूज़ करना शुरू करें।
  2. दृढ़ संकल्प करें: सबसे पहले किसी भी काम को करने के लिए अंदर से आवाज आनी ज़रूरी है और यह भी पता होना चाहिए कि आप इस काम को किस लिए कर रहे हैं और यह कितना ज़रूरी है। इसी तरह सिगरेट भी आप तभी छोड़ सकते हैं, जब तक आप अपने अंदर एक दृढ़ निश्चय नहीं करेंगे कि अब सिगरेट नहीं पीनी है। सिगरेट छोड़ने के लिए इमोशनल कारण से अच्छा है कि आप अपने परिवार और खुद के भविष्य को देखते हुए सिगरेट न पीने का निश्चय करें। सबसे पहले स्मोकिंग को लेकर कुछ फैक्ट्स के बारे में पता करें और इंटरनेट पर सर्च पर स्मोकिंग की हिस्ट्री के बारे में पता करें। यह देखें कि लगातार सिगरेट पीने से लोगों को किस तरह की बीमारी या दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सिगरेट पीने से कैसे छुटकारा पाया जा सकता है या किन तरीकों से सिगरेट पीना कम हो सकता है। इन बातों के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। 
  3. खुद पर भरोसा रखें और पॉजिटिव बने रहें: हम आपको जो भी टिप्स दे रहे हैं, उनके सहारे या अगर आप किसी डॉक्टर की सलाह से सिगरेट छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, तो पहले खुद को स्ट्रॉन्ग और पॉजिटिव बनाए रखें। आपको सिगरेट से जुड़ी सभी बातों को लेकर और खुद को लेकर क्लियर कॉन्सेप्ट रखना चाहिए। अपने अंदर पॉजिटिव विचार रखने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखें। हमेशा लाइफ को एक नए जोश और उत्साह के साथ शुरू करें। खुद को गिफ्ट दें। अगर आप सिगरेट छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, ऐसे में आपने कब तक सिगरेट नहीं पी, जैसे एक हफ्ते, दो हफ्ते, एक महीना। अगर आपने एक निश्चित समय तक सिगरेट नहीं पी तो खुद को शाबासी दें। हो सके तो खुद को पैसे या गिफ्ट भी दें। 
  4. एक स्पेशल डेट: सिगरेट छोड़ने के लिए सबसे पहले निश्चय करें  कि कब से छोड़नी है। इसके लिए एक स्पेशल डेट रखें, जैसे अपनी जन्मदिन या नए साल पर। खुद को आगे बढ़ने या खुद को जज करने का भी मौका दें। वैसे आप मंडे से भी सिगरेट छोड़ना का अभियान शुरू कर सकते हैं, क्योंकि मंडे को मिलान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ लोगों को स्मोकिंग और हेल्थ के प्रति जागरूक करने के लिए मंडे नेशनल हेल्थ डे मना रहा है। इसमें लोगों को स्मोकिंग छोड़ने और बाकी बीमारियों से बचने के लिए बताया जाएगा। सिगरेट छोड़ने के लिए सबसे पहले एक दिन तय करें और किसी भी एक ब्रांड की सिगरेट न पिएं। अलग-अलग ब्रांड की सिगरेट पीने और अलग स्वाद होने से आपको इसकी आदत नहीं पड़ेगी। सिगरेट की लत न पड़े, इसलिए सिगरेट का ब्रांड बदलते रहना चाहिए। सिगरेट से जुड़ी जितनी भी चीज़ें हैं, जैसे लाइटर, माचिस और तंबाकू प्रोडक्ट, सब घर और ऑफिस से बाहर फेंक दें। घर में या बैग में सिगरेट न रखें, क्योंकि सिगरेट दिखने पर आपका मन पीने का करने लगेगा। 
  5. किसी डॉक्टर या दवाई की मदद: निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी सिगरेट छोड़ने का एक ऑप्शन है। एक दम से सिगरेट छोड़ने पर ब्लड और मसूड़े में जमा निकोटीन के बाहर आने लगता है, जिससे बॉडी पर निशान पड़ने लगते हैं। इन निशान या दिक्कतों को कम करने के लिए निकोटीन स्प्रे या इनहेलर से बॉडी को निकोटीन दिया जाता है। इसके अलावा, आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं और दवाइयों का भी सेवन कर सकते हैं। 
  6. एक हफ्ते के बाद महीने तक न पिएं: सिगरेट छोड़ने के लिए आपको धीरे-धीरे कोशिश करनी होगी। इसके लिए खुद को मजबूत करें। यह तय करें कि इस महीने तो बिल्कुल नहीं पीना। चाहे जितनी बार भी आपका मन करे, हर बार आपका उत्तर ना में ही हो। 
  7. पहले हफ्ते में सिगरेट न पिएं: सिगरेट छोड़ने के लिए सिगरेट के बदले मिंट, सूरजमूखी के बीज और कॉफी पी सकते हैं। दरअसल, सिगरेट पीने की इच्छा ऐसी आदत में बदल जाती है, जिसे छोड़ना मुश्किल होता है। जब भी आपको सिगरेट की तलब लगे, उसे दूर करने के लिए कोई गेम खेलें, मूवी देखें, अकेले बीच पर वॉक करें या ऐसे दोस्तों के साथ रहें जो स्मोकिंग न करते हों। जब भी आपको सिगरेट की तलब हो, तभी टूथब्रश करें। वैसे, आप ऐसा हर जगह नहीं कर सकते। इसके लिए आप अपने साथ मिंट या माउथ फ्रेशनर साथ रखें। स्मोकिंग की इच्छा होने पर पानी पिएं, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि पानी ज्यादा मात्रा में पिएं। इससे आपका पेट फूल सकता है या ज्यादा बाथरूम आने की समस्या हो सकती है। सिगरेट की जगह लो कैलोरी मिंट रखें । 
  8. प्रयास करते रहें: खुद को कभी निराश न करें। चाहें आप कितनी भी बार सिगरेट छोड़ते हों, पर पी ही लेते हैं। हम सभी जानते हैं कि कोई भी लत छोड़ने में टाइम लगता है। इसलिए अगर आपने लाख कोशिश करने के बाद भी एक बार स्मोकिंग कर ली, तो कोई बात नहीं। फिर से कोशिश करें। जब भी सिगरेट पीने का विचार मन में आए, तुरंत खुद को किसी काम में बिजी कर लें। सिगरेट की लत को छोड़ने के बारे में फैमिली और दोस्तों को बताएं, ताकि वो आपको टोकते रहें। 
  9. गंदी आदत छोड़ने के लिए कोई टाइम की ज़रूरत नहीं: आप जो भी सिगरेट पीते हैं, उसे तोड़कर टॉयलेट में फेंक दें। यह बेहद ही छोटा और आसान तरीका है, लेकिन इससे आपको याद रहेगा कि आपने सिगरेट छोड़ने का प्रण लिया है।
  10. सिगरेट न खरीदें और एक अच्छी लाइफ के बारे में सोचें: जिन दोस्तों के साथ बैठकर आप सिगरेट पीते हैं, उनसे दोस्ती कम करें जब तक कि आप स्मोकिंग पूरी तरह से छोड़ न दें। जो स्मोकिंग नहीं करते, उनके साथ उठना-बैठना शुरू करें।
साभार: भास्कर समाचार
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