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शरीर को फिट और स्वस्थ रखने के लिए सबसे पहले पाचन क्रिया को सही रखना बेहद
ज़रूरी है। डॉक्टर यही कहते हैं कि डाइजेशन को सही रखें। आपने यह कहावत
सुनी भी होगी कि ‘पहला सुख निरोगी काया’। स्वस्थ शरीर होने से ही दिमाग
स्वस्थ होता है। स्वस्थ रहने की पहली शर्त है आपकी पाचन शक्ति का सुदृढ़
होना। भोजन के सही डाइजेशन के अभाव में शरीर अस्वस्थ हो जाता है, मस्तिष्क
शिथिल हो जाता है और कार्यक्षमता प्रभावित होती है। जिस प्रकार व्यायाम में
अनुशासन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार भोजन में भी अनुशासन
महत्वपूर्ण है। अधिक खाना, अनियमित खाना, देर रात तक जागना, ये सारी
स्थितियां आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं। अतः यह आवश्यक हो जाता है
कि पाचन शक्ति को दुर्बल होने से बचाएं। पाचन तंत्र की दुर्बलता दूर करने
के गर्म पानी पिएं, जो आपकी पाचन क्रिया को सही रखेगा।गर्म पानी के फायदे: - गर्म पानी पीने से शरीर के हानिकारक पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। सुबह खाली पेट और रात को खाने के बाद गर्म पानी पीने से पाचन संबंधी दिक्कतें दूर होती हैं।
- गर्म पानी से कब्ज और गैस जैसी समस्याएं नहीं होतीं। भूख बढ़ाने में भी एक गिलास गर्म पानी बहुत फायदेमंद है।
- एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और काली मिर्च व नमक डालकर पिएं। इससे पेट का भारीपन कुछ ही समय में दूर हो जाएगा।
- खाली पेट गर्म पानी पीने से मूत्र संबंधी रोग दूर हो जाते हैं। गर्म पानी के नियमित सेवन से ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है।
- गर्म पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ता है। पसीने के माध्यम से शरीर के सारे जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं।
- बुखार में प्यास लगने पर मरीज को ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। गर्म पानी ही पीना चाहिए। बुखार में गर्म पानी अधिक लाभदायक होता है।
इसके इलावा भी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने के कुछ और तरीके हैं:
- पके अनार के 10 ग्राम रस में भुना हुआ जीरा और गुड़ बराबर भाग मे मिलाकर दिन में दो या तीन बार लें। पाचन शक्ति की दुर्बलता दूर होगी।
- खट्टे-मीठे अनार का रस एक ग्राम धीरे-धीरे पिएं। इस प्रकार 8-10 बार करने से मुंह का स्वाद ठीक होकर आंत्र दोष दूर होता है और ज्वर के कारण हुई अरुचि दूर होती है। पाचन शक्ति भी बढ़ जाती है।
- अनानास के पके फल के बारीक टुकड़ों में सेंधा नमक और काली मिर्च मिलाकर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है।
- भोजन के बाद पेट फूल जाए, बेचैनी महसूस हो तो 20-50 ग्राम अनानास का रस पिएं।
- पकाए हुए आंवले को कद्दूकस करके स्वादानुसार काली मिर्च, सौंठ, सेंधा नमक, भुना जीरा और हींग मिलाकर बड़ी बनाकर छाया में सुखा लें। इसके सेवन से पाचन विकार दूर हो जाता है तथा भूख बढ़ती है। मन भी प्रसन्न रहता है।
- अमरूद के कोमल पत्तों के 10 ग्राम रस में थोड़ी शक्कर मिलाकर प्रतिदिन केवल एक बार सुबह सेवन करने से बदहजमी दूर होती है और पाचन शक्ति बढ़ती है।
- हरड़ एवं गुड़ के 6 ग्राम चूर्ण को गर्म पानी से या हरड़ के चूर्ण में सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से पाचन शक्ति तेज होती है।
- हरड़ का मुरब्बा खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है।
- 10 ग्राम लौंग को कूट करके 100 ग्राम पानी में उबालें। 20-25 ग्राम शेष बचने पर छान लें और ठंडा होने पर पिएं। इससे पाचन संबंधी विकार दूर होते हैं। हैजे में भी यह लाभकारी है।
- इलायची के बीजों के चूर्ण में बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर दिन में 2-3 बार 3 ग्राम की मात्रा सेवन करने से गर्भवती स्त्री के पाचन विकार दूर हो जाते हैं तथा खुलकर भूख लगती है।
- एक कप पानी में आधा नींबू निचोड़कर 5-6 काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम भोजन के बाद पीने से पेट की वायु, उर्द्धवात, बदहजमी, विषमाग्नि जैसी शिकायतें दूर होकर पाचन शक्ति प्रबल होती है।
- नींबू काटकर काला नमक लगाकर चाटने से बदहजमी और भोजन के प्रति अरुचि दूर होती है।
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साभार:
भास्कर समाचार
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