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संक्रमित भोजन और पेय पदार्थों के सेवन, घरों के आसपास की गंदगी, अधकच्चे
भोजन का सेवन जैसी अनेक वजहों से पेट में कृमि की शिकायत होती है। पेट में
कृमि होने से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास पर काफी प्रभाव पड़ता हैं।
थकान, चिड़चिड़ापन और शारीरिक दुर्बलता के अलावा चेहरे और शरीर की त्वचा
पर सफेद धब्बे आदि बनना इस रोग के लक्षण हैं। स्वस्थ रहन-सहन अनेक रोगों को
हमसे दूर रखता है। फिर भी यदि कृमियों का संक्रमण हो जाए तो घबराने की बात
नहीं। हिंदुस्तानी आदिवासियों के हर्बल नुस्खे अपनाकर आप भी प्राकृतिक
हर्बल उपायों से इस समस्या से निजात पा सकते हैं। चलिए, आज जानते हैं
आदिवासियों के दस जबरदस्त हर्बल उपाय, जिन्हें अपनाकर आप भी पेट के कृमियों
की समस्या से निपट सकते हैं: - बच्चों को यदि पेट में कीड़े की शिकायत हो तो लहसुन की कच्ची कलियों का 20-30 बूंद रस एक गिलास दूध में मिलाकर देने से कृमि मर कर शौच के साथ बाहर निकल आते हैं।
- आदिवासियों के अनुसार, सूरनकंद की सब्जी अक्सर खाने वाले लोगों को पेट में कृमि की शिकायत नहीं रहती है। कच्चे सूरनकंद को छीलकर नमक के पानी में धो लें। लगभग 5 ग्राम कंद सोने से पहले एक सप्ताह प्रतिदिन चबाने से पेट के कृमि मरकर बाहर निकल आते हैं।
- पातालकोट के आदिवासी कच्चे सीताफल को फोड़कर सुखा लेते हैं और इसका चूर्ण तैयार करते हैं। इस चूर्ण को बेसन के साथ मिलाकर बच्चों को खिलाते हैं, जिससे पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- बेल के पके फलों के गूदे का रस या जूस तैयार करके पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। डांग-गुजरात के आदिवासियों का मानना है कि बेल के फलों के बजाए पत्तों के रस का सेवन किया जाए तो ज्यादा बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।
- पपीता के कच्चे फलों से निकलने वाले दूध को बच्चों को देने से पेट के कीड़े मर जाते हैं और बाहर निकल आते हैं। प्रतिदिन रात को आधा चम्मच रस का सेवन तीन दिनों तक कराया जाए तो पेट के कृमि मर जाते हैं।
- पातालकोट के हर्बल जानकारों की मानी जाए तो पेट में कीड़े होने पर 1 चम्मच हल्दी चूर्ण रोज सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक ताजे पानी के साथ लेने से कीड़े खत्म हो जाते हैं।
- जीरा के कच्चे बीजों की करीब 3 ग्राम की मात्रा दिन में 5 से 6 बार चबाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। आदिवासियों के अनुसार, कच्चा जीरा पाचन भी दुरुस्त करता है और गर्म प्रकृति का होने की वजह से कीड़ों को मार देता है।
- कच्चे नारियल को चबाते रहने से भी पेट के कीड़े मर जाते हैं। डांग- गुजरात में आदिवासी बच्चों को अक्सर कच्चा नारियल खिलाते हैं और जीरे का चूर्ण बनाकर पानी में घोलकर पिलाते हैं, ताकि पेट के कृमि मर जाएं।
- परवल और हरे धनिया की पत्तियों की समान मात्रा (20ग्राम प्रत्येक) लेकर कुचल कर और एक-चौथाई लीटर पानी में रात भर के लिए भिगोकर रख दें। सुबह इसे छानकर तीन हिस्से कर थोड़ा-सा शहद डालकर दिन में तीन बार पीने से पेट के कीड़े मर जाएंगे।
- गोरखमुंडी के बीजों (सूखे फ़ूल) को पीसकर चूर्ण तैयार कर सेवन कराने से आंतों के कीड़े मरकर मल के साथ बाहर निकल जाते हैं।
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साभार:
भास्कर समाचार
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