Friday, January 9, 2015

डेबिट या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करें संभल कर, बन रहे हैं क्लोन



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भारत में साल 2015 के दौरान साइबर क्राइम का आंकड़ा 3 लाख पहुंच सकता है। यह पिछले साल के मुकाबले तकरीबन दोगुना है। एसोचैम-महिंद्रा एसएसजी की हालिया स्टडी से यह खुलासा हुआ है। इस स्टडी के अनुसार सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि ये अपराध चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अल्जीरिया समेत दूसरे देशों से किए जा रहे हैं। 

  • ये है आंकड़ा: स्टडी के मुताबिक, 2011, 2012, 2013 में साइबर क्राइम की संख्या क्रमशः 13301, 22,060, 71780 रही। इस समय इंडिया में साइबर क्राइम का आंकड़ा करीब 1,49,254 पर है। यह 107 फीसदी सीएजीआर (कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़कर 2015 तक 3 लाख पर पहुंच सकता है। स्टडी में पता चला है कि हर महीने करीब 12,456 मामले रजिस्टर्ड हो रहे हैं।  
  • एटीएम और डेबिट कार्ड्स क्लोनिंग हुई आम: ऑनलाइन बैंकिंग अकाउंट्स में फिशिंग अटैक्स या एटीएम/ डेबिट कार्ड्स की क्लोनिंग आम होती जा रही है। ऑनलाइन बैंकिंग और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन में मोबाइल/ स्मार्टफोन/ टैबलेट का इस्तेमाल बढ़ने से खतरा बढ़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर अटैक करने वाले ज्यादातर अपराधियों की उम्र 18-30 साल है।  
  • इन देशों में हो रहा साइबर अटैक: साइबर अटैक जिन देशों से हो रहे हैं, उनमें अमेरिका, यूरोप, ब्राजील, टर्की, चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अल्जीरिया और यूएई शामिल हैं। ई-गवर्नेंस, ऑनलाइन बिजनेस और इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजैक्शन जैसे इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से जुड़ी सर्विसेज का इस्तेमाल बढ़ने से पर्सनल और सेंसिटिव डाटा के प्रोटेक्शन की अहमियत बढ़ गई है। स्टडी के मुताबिक, कंपनियों के लिए मोबाइल फ्रॉड्स चिंता का विषय बना हुआ है। दरअसल, इस समय 35-40 फीसदी ऑनलाइन फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन मोबाइल से हो रहे हैं। 2015 तक यह बढ़कर 55-60 फीसदी तक पहुंच सकते हैं।  
  • इसलिए बढ़ा साइबर क्राइम: इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती संख्या और ऑनलाइन बैंकिंग के पॉपुलर होने से इंडिया साइबर क्रिमिनल्स के लिए अहम ठिकाना बनता जा रहा है। साइबर क्राइम के मामले में जापान और अमेरिका के बाद इंडिया तीसरे पायदान पर है। रावत के मुताबिक, सेल फोन यूसेज बढ़ने से सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन हैक करने के तरीके भी बढ़े हैं। अनसर्टिफाइड एप्लीकेशन्स के इन्स्टॉलेशन की वजह से हैकिंग बेहद आम है। क्रेडिट और डेबिट कार्ड फ्रॉड से जुड़े मामले साइबरक्राइम की फेहरिस्त में टॉप पर हैं। स्टडी के मुताबिक, पिछले तीन साल में ऐसे मामलों में 6 गुना बढ़ोतरी हुई है।  
  • इन राज्यों में है सबसे ज्यादा साइबर क्राइम: इंडिया में नए आईटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड साइबर क्राइम आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा हो रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि आईटी और आईटी से जुड़ी इंडस्ट्रीज से हासिल होने वाले रेवेन्यू में 70 फीसदी भागीदारी इन्हीं तीन राज्यों की है। वहीं, तमिलनाडु और बिहार में सबसे कम साइबर क्राइम के मामले दर्ज किए गए।  
  • क्या करें और क्या नहीं: 
  1. ऑनलाइन बैंकिंग, शॉपिंग, क्रेडिट कार्ड डिटेल देने आदि से बचें अगर नेटवर्क सही से सिक्योर्ड न हो।
  2. अपने ऑनलाइन अकाउंट को रोज चेक करें और जांचे कि सभी लिस्टेड ट्रांजैक्शन वैलिड हैं या नहीं।
  3. कॉन्फिडेंशियल इन्फॉर्मेशन मांगने वाले ई-मेल्स में दिए लिंक्स को कभी क्लिक नहीं करें।
  4. स्पैम ई-मेल्स को तुरंत डिलीट करें और ट्रैश बॉक्स से भी ऐसी मेल्स को हटा दें।
  5. मोटी रकम प्राइज के तौर पर ऑफर करने वाली लॉटरी से सावधान रहें।
  6. ऑनलाइन पेमेंट्स करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने के दौरान चेक कर लें कि वेबसाइट सिक्योर है या नहीं।
  7. मंथली क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट टाइम पर नहीं मिलने पर अपने बैंक को सूचित करें। खोए हुए कार्ड को तुरंत कैंसल करवाना न भूलें।
  8. किसी को भी क्रेडिट कार्ड के दोनों साइड की फोटोकॉपी न दें।
साभार: भास्कर समाचार
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