Saturday, February 7, 2015

ध्यान रखें ये बातें: आसानी से मिल जाएगा होम लोन

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हर कोई चाहता है कि वह अपने घर में रहे। साथ ही उसे किराए की झंझट से छुट्टी मिले। ऐसे में होम लोन एक प्रमुख जरिया है, जिससे आप अपने घर के सपने को आसानी से पूरा कर सकते हैं। लेकिन, कई बार आपको घर के लिए लोन नहीं मिल पाता है। वह भी उस दौर में जब बैंक यहां तक दावा करते हैं कि आपको घर बैठे होम लोन मिल जाएगा। ऐसे में यह जानना बेहद जरुरी है कि होम लोन का आवेदन करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो आइए जानते है कि होम लोन लेने के क्या हैं आसान उपाय: 

  • आयकर रिटर्न जरूर भरें: होम लोन लेने की तैयारी आपको कम से कम दो साल पहले से करनी चाहिए। पहला कदम आयकर रिटर्न भरने से शुरू होता है। आम तौर पर बैंक नौकरीपेशा लोगों से पिछले दो साल का आयकर रिटर्न मांगते हैं। अगर आप खुद का कारोबार करते हैं तो कम से कम तीन साल का आयकर रिटर्न आवेदन के लिए जरूरी होता है। ऐसे में जब भी आप होम लोन लेने की तैयारी करें तो आपके पास दो से तीन साल का आयकर रिटर्न प्रमाणपत्र जरूर हो। इसके अलावा नौकरीपेश लोगों को अपनी 3 महीने की सैलरी स्लिप और 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट भी तैयार रखना चाहिए। वहीं, खुद का रोजगार करने वाले व्यक्ति को भी बैंक स्टेटमेंट और एडवांस इनकम टैक्स का चालान रखना जरूरी है। 
  • क्रेडिट हिस्ट्री न बिगाड़े: आपके द्वारा की गई छोटी सी लापरवाही भी होम लोन के आवेदन को खारिज कर सकती है। भले ही यह लापरवाही आपने आवेदन करने के 4-5 साल पहले की थी। ऐसे में क्रेडिट कार्ड का डिफॉल्ट, या दूसरे कर्ज का डिफॉल्ट आपके आवेदन की राह में बाधा खड़ी कर सकता है। ऐसा इसलिए है, कि जब भी आप कोई डिफॉल्ट करते है, तो वह रिकार्ड सिबिल और दूसरे इनफार्मेशन ब्यूरो में चला जाता है। ऐसे में यह जरूरी है कि कभी भी आप क्रेडिट हिस्ट्री न बिगाड़े। 
  • सेटलमेंट नहीं पूरा कर्ज चुकाए: कई बार जब आप क्रेडिट कार्ड पर डिफॉल्ट करते हैं, तो बैंक कुछ राशि लेकर उसका सेटलमेंट कर देता है। आप सोचते हैं, कि मेरी क्रेडिट हिस्ट्री सही हो गई। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता है। आपकी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो चुकी होती है। हमेशा इस तरह के बकाए को पूरी तरह से खत्म करें। साथ ही बैंक से सुनिश्चित करें, कि आपका रिकार्ड सही हो गया है। इसके अलावा कई कंपनियां आपका क्रेडिट रिकार्ड भी सुधरवाती है, जिससे भी आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है, लेकिन इस कवायद में भी एक से दो साल लग जाते हैं। 
  • आय के आधार पर तय करें लोन की सीमा: हमेशा जब घर खरीदने की तैयारी करें, तो घर के चयन से पहले अपनी कर्ज लेने की सीमा जरूर ध्यान में रखे। कई बार ऐसा होता है, कि आप महंगे घर का चयन कर लेते हैं, उसके बाद जब उसी अनुपात में लोन का आवेदन करते हैं, तो उतना कर्ज नहीं मिलता है। मोटे तौर पर सभी बैंक लोन की राशि आपकी आय के आधार पर तय करते हैं। अगर आप वेतनभोगी है, जो सैलरी आपके खाते में आती हैं, उसके आधार पर लोन की राशि बैंक तय करते हैं। ज्यादातर बैंक रिमबर्समेंट पार्ट को आपकी आय नहीं मानते है। इसी तरह खुद कारोबार करने वालों का आयकर रिटर्न के आधार पर कर्ज की राशि तय होती है। लोन लेते समय इस बात का भी जरूर ध्यान रखे, कि जिस बैंक खाते का आप स्टेटमेंट दे रहें, उसमें पिछले 8-9 महीने से एक ठीक-ठाक रकम जरूर हमेशा बनी रहे। 
  • आवेदन कर्ता की प्रोफाइल भी अहम: होम लोन की मंजूरी के लिए आवेदनकर्ता की प्रोफाइल काफी महत्वपूर्ण होता है। इसमें व्यक्ति की शिक्षा, पेशा, उस पर आश्रितों की संख्या, वर्तमान संपत्तियां, बचत, बीमा पॉलिसियां आदि शामिल होती हैं। आश्रितों की संख्या अधिक होने या वर्तमान देनदारियां अधिक होने का मतलब होता है कि उसकी कर्ज चुकाने की क्षमता कम है। यही वजह है कि बैंक ऐसे लोगों को लोन देने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखातेहैं। आश्रितों की संख्‍या घटाना तो संभव नहीं है लेकिन देनदारियों की स्थिति सुधारी जा सकती है। 
  • प्रॉपर्टी के डॉक्‍यूमेंट और एनओसी: प्रॉपर्टी के डॉक्‍यूमेंट और नो ऑब्‍जेक्‍शन सर्टिफिकेट (एनओसी) जैसे दस्तावेज बैंक द्वारा प्रस्तावित फॉर्मेट में जमा करवाना होता है। उधार लेने वाला व्यक्ति अगर प्रस्तावित फॉर्मेट में दस्तावेज जमा नहीं करवाता है तो उसकी सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है। इसके अलावा बैंक पहले से स्वीकृत प्रॉपर्टी की भी जानकारी वेबसाइट आदि के जरिए देते हैं। जिसका इस्तेमाल आप प्रॉपर्टी के चयन में कर सकते हैं। 
  • आवेदक की उम्र भी अहम: उम्र भी लोन आवेदन के रद्द होने में अहम भूमिका निभाती है। बैंक हमेशा आवेदक की उम्र को कर्ज स्वीकृत करने में अहम स्थान देते हैं। अगर आवेदक की उम्र सेवानिवृत्ति के करीब है तो बैंक केवल शॉर्ट टर्म लोन ही देते हैं। इसकी वजह से ईएमआई काफी बढ़ जाती है। इसलिए, उम्र जितनी अधिक होगी व्यक्ति को लंबी अवधि के लोन मिलने का अवसर कम हो जाता है। 

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साभार: भास्कर समाचार
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