साध्वी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम जो गुमनाम पत्र भेजा था उसमें किसी का नाम नहीं था। सिर्फ आरोप लगाए गए थे कि पीड़िता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में पांच
साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है। उस पत्र के जरिए आरोप लगाया गया था कि डेरा में साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। पत्र के जरिए उस साध्वी ने आप बीती का जिक्र करते हुए डेरा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे थे। उस पत्र में ही बठिंडा कुरुक्षेत्र की साध्वियों का भी जिक्र किया गया था, जिनके साथ भी प्रताड़ना की बात कही गई थी। कुरुक्षेत्र के एक सेवादार के बारे में यह लिखा था कि इस प्रताड़ना के बाद पूरे परिवार ने डेरे से नाता ही तोड़ लिया है। साध्वी ने पत्र में गुहार लगाते हुए सहायता की मांग की थी और यह भी कहा था कि मैं अपना नाम पता लिखूंगी, तो मुझे मार दिया जाएगा। इसकी किसी एजेंसी के माध्यम से जांच कराई जाए। हमारा डॉक्टरी मुआयना करवाना चाहिए, ताकि अभिभावकों को पता चले कि यहां क्या चल रहा है। साध्वी के उस खत में कुछ अंश बेहद आपत्तिजनक भी हैं। इस गुमनाम पत्र के बाद ही बवाल शुरू हुआ और फिर वह बवाल एक के बाद एक करते हुए नए विवादों को जन्म देता गया। इसी बवाल से उपजा रणजीत सिंह हत्याकांड और फिर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड। तीनों मामले में डेरा प्रमुख आरोपी हैं।
अप्रैल 2002: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट और तब के पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को एक साध्वी ने शिकायत भेजी।
मई 2002: लेटर के फैक्ट्स की जांच का जिम्मा सिरसा के सेशन जज को साैंपा गया।
दिसंबर 2002: सीबीआई ब्रांच ने राम रहीम पर धारा 376, 506 और 509 के तहत केस दर्ज किया।
दिसंबर 2003: सीबीआई को जांच के निर्देश दिए गए। 2005-2006 के बीच में सतीश डागर ने इन्वेस्टिगेशन की और उस साध्वी को ढूंढा जिसका यौन शोषण हुआ था।
जुलाई 2007: सीबीआई ने अंबाला सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। यहां से केस पंचकूला शिफ्ट हो गया और बताया गया कि डेरे में 1999 और 2001 में कुछ और साध्वियों का भी यौन शोषण हुआ, लेकिन वे मिल नहीं सकीं।
अगस्त 2008: ट्रायल शुरू हुआ और डेरा मुखी के खिलाफ चार्ज तय किए गए।
2011 से 2016: लंबा ट्रायल चला। डेरा मुखी की ओर से अपीलें दायर हुईं।
जुलाई 2016: केस के दौरान 52 गवाह पेश हुए। इनमें 15 प्रॉसिक्यूशन और 37 डिफेंस के थे।
जून 2017: डेरा प्रमुख ने विदेश जाने के लिए अपील दायर की तो कोर्ट ने रोक लगा दी।
जुलाई 2017: कोर्ट ने रोज सुनवाई करने के निर्देश दिए ताकि केस जल्द निपट सके।
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साभार: भास्कर समाचार
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