तीन दिन से पंचकूला के पार्कों-फुटपाथों-सड़कों पर डेरा प्रेमी जमे थे। धारा-144 लागू होने के बावजूद इतनी संख्या में लोगों की मौजूदगी पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को सख्त टिप्पणी की थी। कहा था- लाखों लोगों का जुटना पुलिस और प्रशासन की असफलता है। धारा 144 कहीं नहीं दिख रही। अगर कोई मौत
हुई तो इसके लिए सरकार और पुलिस दोषी कहलाएगी। हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि पुलिस डेरा समर्थकों को तुरंत हटाए। हाईकोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने कहा कि सुबह तक लोगों को खदेड़ देंगे। इसके बावजूद पुलिस ने डेरा समर्थकों को नहीं हटाया। नतीजा यह हुआ कि डेरा प्रमुख पर फैसला आने के बाद हिंसा भड़क गई। पंचकूला में जिला प्रशासन ने कागजी कार्यवाही दिखाने के लिए धारा-144 तो लगा दी, लेकिन उसका नोटिफिकेशन जारी करते समय से मेंशन नहीं किया कि इसमें लोगों के जमा होने पर रोक रहेगी। हालांकि इसमें ये जरूर था कि लोग हथियारों के साथ जमा नहीं हो पाएंगे। यही वजह रही कि पैदल और बसों में भरकर डेरा अनुयायियों के जत्थे आते रहे, लेकिन किसी ने उन्हें रोकने की कोशिश ही नहीं की। देखते ही देखते पंचकूला में बड़ी संख्या में डेराप्रेमी इकट्ठे हो गए। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने जब सरकार और पुलिस प्रशासन को फटकार लगाई तो अफसरों में हडकंप मचा और देर शाम पंचकूला खाली करवाने का फैसला करना पड़ा। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) ने 18 अगस्त और 22 अगस्त को नोटिफिकेशन तो जारी किए, लेकिन पांच या इससे ज्यादा लोगों के एक साथ एक जगह पर हथियारों के साथ जमा होने पर रोक नहीं लगाई गई। हरियाणा के एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने हाईकोर्ट में कहा कि यह 'क्लैरिकल मिस्टेक' थी। हाईकोर्ट ने सरकार के इस तर्क को सिरे से खारिज करते हुए सरकार की कोताही बताया। स्टिस सूर्यकांत ने कहा कि इसी लापरवाही का नतीजा है कि पंचकूला में सड़कों पर डेरा समर्थक भारी संख्या में जमा हो गए। फिर गुरुवार को डीसीपी ने संशोधित अधिसूचना जारी की, जिसमें पांच या इससे ज्यादा लोगों के हथियार लेकर किसी जगह एकत्र होने पर प्रतिबंध की बात कही गई। हाईकोर्ट ने कहा कि इस देरी के चलते जो नुकसान होना था, वह अब हो चुका है।
पहले बस, फिर आटो और फिर पैदल पहुंचे: पंचकूलामें सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई के दौरान वहां के पुलिस कमिश्नर एएस चावला ने माना कि पुलिस को अंदाजा नहीं थी कि इतनी बड़ी संख्या में डेरा समर्थक पंचकूला पहुंच जाएंगे। चावला ने कोर्ट में कहा कि सबसे पहले डेरा समर्थकों की दो बसें पंचकूला सेक्टर-23 के नाम चर्चा घर पहुंची थी। इसके बाद बसों का आना रोका गया तो समर्थक आॅटो से आने लगे और 42 आॅटो से समर्थक पहुंचे। फिर रोका तो वे पैदल पहुंचने लगे।
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साभार: भास्कर समाचार
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