राम रहीम के मामले में तमाम दावों के बावजूद हरियाणा सरकार कानून-व्यवस्था बनाने में नाकाम रही। इस बारे में भास्कर ने भाजपा महासचिव अनिल जैन से बात की। बातचीत के अंश:
सवाल-हरियाणा में हिंसा रोकने के लिए भाजपा आलाकमान और राज्य सरकार की क्या तैयारी थी?
सवाल-हरियाणा में हिंसा रोकने के लिए भाजपा आलाकमान और राज्य सरकार की क्या तैयारी थी?
जवाब-केंद्रीयप्रदेश के सुरक्षाबलों और सेना को सतर्क किया गया। वैसे भी हरियाणा में पहली बार हाई प्रोफाइल मामले में बाबा कोर्ट तक पहुंचे। फैसला आया। फैसले के बाद वे कस्टडी में चले गए। पूरी प्रक्रिया के दौरान शांति बनी रही। यह उपलब्धि मानी जा सकती है। बाद में कुछ समर्थकों का धैर्य टूटा, वह तो अपेक्षित था।
सवाल-सरकार हिंसा को थामने के लिए अब क्या कदम उठाएगी? जवाब- राज्य के मुख्यमंत्री और हमने लोगों और मीडिया से अपील की है कि वे ऐसी घटनाएं दिखाएं कि लोग भड़कंे। वे संयम बरतते हुए सरकार का सहयोग करें। सभी राजनीतिक दलों और सामाजिक संस्थाओं से भी अपील है कि वे अपने आसपास डेरा प्रेमी के साथ रहें और उनको धैर्य बंधाएं ताकि वे खुद को नुकसान नहीं पहुंचाएं।
सवाल-प्रदेश और केंद्र में भाजपा सरकारें हैं। घटनाक्रम पर कैसे निगरानी रखी है? जवाब-केंद्र ने राज्य में सुरक्षाबल भेजा। राज्य सरकार ने उन्हें तैनात किया। सेना को अलर्ट किया गया। अब हर घर में तो तलाशी लेकर इस विषय से नहीं निपटा जा सकता।
सवाल- सेना, पुलिस और पूरी तैयारी के दावे के बावजूद व्यापक हिंसा हो रही है. जवाब-समर्थकों की संख्या ज्यादा है और सब लोग एक जैसे हैं। ऐसे में लोगों को चिन्हित करना संभव नहीं है।
सवाल-हिंसा के बावजूद तैयारी का दावा कर रहे हैं। क्या इसके लिए राजनीतिक नेतृत्व भी जिम्मेदार नहीं है? जवाब-ये व्यवस्था का मामला है। अभी आपको बाबा राम रहीम के अनुयायियों का अंदाज नहीं है। उन अनुयायियों की वजह से ऐसा हो रहा है।
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साभार: भास्कर समाचार
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