Monday, August 7, 2017

प्रेरणा: बाल विवाह के विरोध में बेटियां, 3 साल में 407 ने रुकवाई खुद की शादी, माता-पिता और समाज के विरोध में खुद पहुंची थाने

उच्च शिक्षा पाने की चाह, कॅरियर बनाना या फिर खेलों में दम दिखाना। इसी ख्वाहिश के चलते कच्ची उम्र में शादी करने से मना किया, हिम्मत दिखाई और दरवाजे पर खड़ी बारात लौटा दी। परिवार के विरोध में खुद थाने
तक पहुंचीं। यह साहस दिखाया हमारी कुछ नाबालिग बेटियों ने। गरीबी और बेटियों के साथ हो रही अप्रिय घटनाओं का हवाला देकर जो माता पिता उन्हें ब्याह कर जिम्मेदारी से छुटकार पाने की बात करते हैं, उन्हें बेटियों ने समझाया कि वह भी आपका सहारा बन सकती हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पिछले 3 वर्षों में एेसे 407 मामले सामने चुके हैं, जिनमें लड़कियां खुद आगे आकर कम उम्र में शादी करने से मना कर रही हैं। जो लड़कियां खुलकर सामने नहीं रही उन्होंने परिचितों का सहारा लेकर शादी रुकवाई। 
सामूहिक समारोह में शादी: प्रियंका ने बताया कि दो वर्ष पहले 16 साल की उम्र में उसके माता-पिता ने उसकी और बड़ी बहन की शादी एक सामूहिक विवाह में यूपी कर दी। शादी के लिए मैं तैयार नहीं थी। लेकिन परिवार में रोज झगड़े रहते थे। बालिग होने के बाद मैंने अपने अधिकारों जाने फिर शिकायत की। मुझे वकील मिला, कोर्ट में केस चला और मेरी शादी को गलत ठहराया। बाल उम्र में शादी हुई समझ होने के कारण घरेलू हिंसा का शिकार होती रही। 
आत्मनिर्भर होना चाहती थी: मुस्कान ने बताया कि आत्मनिर्भर बनने से पहले शादी नहीं करना चाहती थी। लेकिन जब 12 वीं कक्षा में थी तो माता-पिता शादी कराना चाहते थे। लाख मना करने पर भी परिजन नहीं माने तो खुद के बाल विवाह की सूचना विभाग को दी। तत्काल टीम पहुंची और परिजन से शपथ-पत्र लेकर शादी रुकवाई। आज मैं पुलिस विभाग में हूं शादी के लिए रिश्ते भी रहे हैं माता-पिता भी अब मानते हैं कि उस समय वो गलती कर रहे थे। 
पढ़ाई करना चाहती थी: खुशबू ने बताया कि जब वह 14 वर्ष की थी, परिवार ने उसकी शादी तय कर दी। वह अभी शादी नहीं पढ़ाई करना चाहती थी। परिवार के खिलाफ जाकर शादी रोकने के लिए कंट्रोल रूम फोन कर दिया। टीम जब घर पंहुची तो माता-पिता ने बोलने नहीं दिया। लेकिन मैंने सोचा आज नहीं बोली तो कभी नहीं बोल पाऊंगी। अधिकारियों ने पूछा तो उसने सब कुछ बयां कर दिया। उस समय 10 वीं कक्षा में थी। इसके बाद 12 वीं में 80% अंक लिए। अब कॉलेज में हूं।
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साभार: भास्कर समाचार 
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