2013 में शुरू हुई जेबीटी भर्ती के बाद बड़े स्तर पर प्रदेश में जेबीटी को नियुक्ति पत्र सौंपे जा रहे हैं। जॉइनिंग के लिए पहुंचे रहे शिक्षकों के अजब-गजब किस्से सामने रहे हैं। मिर्चपुर निवासी 57 साल के रिटायर्ड फौजी ने चार
साल पहले नौकरी के लिए अप्लाई किया था। वे अब जॉइनिंग के छह माह बाद ही रिटायर हो जाएंगे। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जिला हिसार के गांव मिर्चपुर निवासी जगदीश चंद्र ने एक्स सर्विस मैन जनरल श्रेणी में जिला कैथल में नियुक्ति पाई है। इनकी रिटायरमेंट में पांच माह से भी कम समय बाकी है। जगदीश चंद्र इससे पहले सेना से सेवानिवृत हो चुके हैं। जगदीश चंद्र ने बताया कि सभी लोग उन्हें फौजी साहब पुकारते हैं, लेकिन अब सभी उन्हें फौजी मास्टर कह कर पुकारेंगे। उनकी उम्र 57 साल सात महीने हैं।
किठाना निवासी सतबीर सिंह चहल ने वर्ष 1996 में आए रिश्ते को मना कर दिया था, वे नौकरी के बाद शादी करना चाहते थे, उन्होंने अब परिजनों को शादी के लिए लड़की देखने को कहा है। वहीं, चिलम बेचने वाले कैलरम गांव के कृष्ण प्रजापति चाय बेचकर गुजारा कर रहे पिंजूपुरा गांव के कर्मबीर को नियुक्ति मिली है।
कलायत अनाज मंडी में 7 सालों से पिंजूपुरा निवासी कर्मबीर चाय बेचकर गुजारा कर रहे हैं। चार दिनों से आढ़ती कह रहे हैं कि अब मास्टर की चाय नहीं मिलेगी। कर्मबीर ने बताया कि उनके गांव से अभी तक कोई टीचर नहीं बना था। वह पहला व्यक्ति है, जिसने वर्ष 2010 में डीएड की। वर्ष 2011 में एचटेट पास हो गया। अनाज मंडी में सभी उसको मास्टर जी पुकारते हैं।
कैलरम गांव निवासी कृष्ण प्रजापति ने बताया कि बचपन से ही अपने पिता के साथ मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते रहे। वर्ष 2001 में ग्रेजुएशन के बाद पढ़ाई छोड़ पूरा ध्यान घर चलाने को मेहनत मजदूरी में लगा दिया। पिता की जिद्द से 2007 में जेबीटी की। इसके बाद से कैथल के जींद बाइपास के पास जूस चाय का काम किया। अब साढ़े 38 वर्ष में उसकी जेबीटी का नियुक्ति पत्र मिला है।
कलायत अनाज मंडी में 7 सालों से पिंजूपुरा निवासी कर्मबीर चाय बेचकर गुजारा कर रहे हैं। चार दिनों से आढ़ती कह रहे हैं कि अब मास्टर की चाय नहीं मिलेगी। कर्मबीर ने बताया कि उनके गांव से अभी तक कोई टीचर नहीं बना था। वह पहला व्यक्ति है, जिसने वर्ष 2010 में डीएड की। वर्ष 2011 में एचटेट पास हो गया। अनाज मंडी में सभी उसको मास्टर जी पुकारते हैं।
कैलरम गांव निवासी कृष्ण प्रजापति ने बताया कि बचपन से ही अपने पिता के साथ मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते रहे। वर्ष 2001 में ग्रेजुएशन के बाद पढ़ाई छोड़ पूरा ध्यान घर चलाने को मेहनत मजदूरी में लगा दिया। पिता की जिद्द से 2007 में जेबीटी की। इसके बाद से कैथल के जींद बाइपास के पास जूस चाय का काम किया। अब साढ़े 38 वर्ष में उसकी जेबीटी का नियुक्ति पत्र मिला है।
1996 में आए रिश्ते को मना किया, अब हुए शादी करने को तैयार: किठाना निवासी सतबीर सिंह चहल ने वर्ष 1996 में आए शादी के लिए रिश्ते को मना कर दिया था। तब वे 12वीं कक्षा के छात्र थे। वे नौकरी लगने के बाद ही शादी करना चाहते थे। इस दौरान बीच में माता-पिता के साथ रिश्तेदार भी समझाने के लिए आए। उसने निर्णय नहीं बदला। अब 21 साल बाद सतबीर ने परिजनों को उसके लिए दुल्हन देखने के लिए कहा है। वे करीब 20 वर्षों तक नौकरी के बाद रिटायर हो जाएंगे। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
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