शादियां और रिश्ते टूटना आम बात है, वह भी दहेज और अन्य कुरीतियों से। लेकिन उत्तरप्रदेश के मैनपुरी में मंगलवार को एक रिश्ता सिर्फ इसलिए होते-होते टूट गया क्योंकि लड़का हिंदी के सही शब्द नहीं लिख सका।
लोगों ने बताया कि लड़के को लड़की ने 'साम्प्रदायिक' और 'दृष्टिकोण' जैसे शब्द लिखने को कहा था। मामला सामने आने पर आसपास के लोगों ने भी दोनों परिवारों को समझाया, लेकिन बात नहीं बनी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मैनपुरी जिले के कुरावली एरिया में रहने वाली लड़की का रिश्ता फर्रुखाबाद के एक युवक से तय हुआ था। लड़का 12वीं पास था और लड़की ने सिर्फ पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। सोमवार को तय हुआ कि लड़का-लड़की मैनपुरी के नुमाइश ग्राउंड में मिलेंगे। मंगलवार दोपहर में दोनों अपने-अपने परिवारों के साथ वहां पहुंचे। अकेले में बातचीत शुरू हुई तो लड़के ने लड़की को एक डायरी निकालकर दी और हिंदी के कुछ शब्द बोले। लड़की ने सब कुछ एकदम सही लिख दिया। लड़के ने अपनी तरफ से सब कुछ फाइनल होने का इशारा कर दिया। इस बीच लड़की का दिमाग ठनका और उसने लड़के को वही डायरी-पेन दोबारा थमा दिया और 'सांप्रदायिक', 'दृष्टिकोण', 'परिश्रम' जैसे शब्द लिखने को कहा। लड़के से उसके घर का पता लिखवाया गया। डायरी चेक हुई तो पते समेत सारे शब्द गड़बड़ लिखे मिले। लड़की भड़क गई और रिश्ते से इनकार कर दिया। परिजनों और आसपास के लोगों ने खूब समझाया, लेकिन लड़की अड़ी रही। इसके बाद दोनों परिवार लौट गए। गांव में यह पहला अवसर है जब किसी रिश्ते के तय होने पर सावर्जनिक रूप से परीक्षा ली गई है। यह परीक्षा खुद लड़के की पहल पर आयोजित की गई थी ताकि वह सही चुनाव कर सके।
लोगों ने बताया कि लड़के को लड़की ने 'साम्प्रदायिक' और 'दृष्टिकोण' जैसे शब्द लिखने को कहा था। मामला सामने आने पर आसपास के लोगों ने भी दोनों परिवारों को समझाया, लेकिन बात नहीं बनी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। मैनपुरी जिले के कुरावली एरिया में रहने वाली लड़की का रिश्ता फर्रुखाबाद के एक युवक से तय हुआ था। लड़का 12वीं पास था और लड़की ने सिर्फ पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी। सोमवार को तय हुआ कि लड़का-लड़की मैनपुरी के नुमाइश ग्राउंड में मिलेंगे। मंगलवार दोपहर में दोनों अपने-अपने परिवारों के साथ वहां पहुंचे। अकेले में बातचीत शुरू हुई तो लड़के ने लड़की को एक डायरी निकालकर दी और हिंदी के कुछ शब्द बोले। लड़की ने सब कुछ एकदम सही लिख दिया। लड़के ने अपनी तरफ से सब कुछ फाइनल होने का इशारा कर दिया। इस बीच लड़की का दिमाग ठनका और उसने लड़के को वही डायरी-पेन दोबारा थमा दिया और 'सांप्रदायिक', 'दृष्टिकोण', 'परिश्रम' जैसे शब्द लिखने को कहा। लड़के से उसके घर का पता लिखवाया गया। डायरी चेक हुई तो पते समेत सारे शब्द गड़बड़ लिखे मिले। लड़की भड़क गई और रिश्ते से इनकार कर दिया। परिजनों और आसपास के लोगों ने खूब समझाया, लेकिन लड़की अड़ी रही। इसके बाद दोनों परिवार लौट गए। गांव में यह पहला अवसर है जब किसी रिश्ते के तय होने पर सावर्जनिक रूप से परीक्षा ली गई है। यह परीक्षा खुद लड़के की पहल पर आयोजित की गई थी ताकि वह सही चुनाव कर सके।
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साभार: भास्कर समाचार
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