महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में कोई भी वाहन प्रवेश करेगा तो गाड़ी का नंबर और ड्राइवर का फोटो आटोमैटिक कैमरे में कैद हो जाएगी। इतना ही नहीं विवि के इंडोर व आउटडोर में ऐसी कोई जगह नहीं होगी, जहां तीसरी आंख की नजर न रहे। विवि प्रशासन ने सुरक्षा को तकनीकी रूप से अब मजबूत करने का निर्णय लिया है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। हालांकि विश्वविद्यालय में पहले से सवा तीन सौ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन अब इनकी तकनीक और संख्या बढ़ाने के लिए विवि प्रशासन ने नए सिरे से टेंडर जारी कर दिए हैं।
जाट आरक्षण आंदोलन से लिया सबक, छात्र संघ चुनाव चुनौती: मदवि प्रशासन द्वारा सुरक्षा को गंभीरता से लेने के पीछे कई कारण हैं। विगत फरवरी में जाट आंदोलन से विश्वविद्यालय ने सबक लिया है और छात्र संघ चुनाव को चुनौती मान रही है। ऐसे में विवि में शांति भंग न हो, इसलिए सुरक्षा को अभेद बनाने के तैयारी शुरू हो गई है। बता दें कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के गेट नंबर दो को केंद्र बिंदु बना दिया गया था। इतना ही नहीं आंदोलनकारियों के विवि में भी प्रवेश करने के आरोप भी लगते रहे और रिपोर्ट में भी इसका जिक्र हुआ। यहीं कारण है कि दोबारा से इस तरह मदवि का नाम सामने न आए, विवि प्रशासन तकनीकी तौर पर सुरक्षा को मजबूत करना चाहता है।
मैनुअली सुरक्षा में चूक की रहती है संभावना: मदवि में मैनुअली सुरक्षा में चूक की संभावना रहती है। वैसे भी मदवि में सुरक्षा कर्मियों को हथियार रखने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी विवि के विस्तार और विद्यार्थियों की संख्या को देखते हुए कम है। हजारों छात्रएं विवि के हॉस्टलों में रहती हैं। छात्रओं की सुरक्षा को लेकर महिला सुरक्षा कर्मी ना के बराबर है।
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साभार: जागरण समाचार
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