बेंगलुरुमें एमबीबीएस तृतीय वर्ष के एक छात्र ने पढ़ाई के साथ घर का खर्च और लोगों की मदद करने का अनोखा तरीका अपनाया है। बेहद गरीब परिवार के इस छात्र को परीक्षा में अच्छे नंबर लाने पर मेडिकल कॉलेज के सुप्रिंटेंडेंट ने ऑटो गिफ्ट किया था। छात्र पढ़ाई से बचने वाले समय में ऑटो चलाता है। वह यात्रियों से किराया
नहीं मांगता, बल्कि एक डोनेशन बॉक्स बना रखा है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। जिसमें वह यात्रियों से स्वेच्छा से पैसे डोनेट करने को कहता है। छात्र की कहानी को बेंगलुरु के विनीत विजियन ने फेसबुक पर साझा किया है...
मैं बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज के लिए ऑटो का इंतजार कर रहा था। दरअसल मैं वहां भर्ती अपने दोस्त की मां को देखने जा रहा था। तभी एक आटो रिक्शा रुका। मैंने आॅटो चालक लड़के से कहा-पीठ में दर्द है, आराम से चलना। उसने जवाब दिया, ठीक है सर। अमूमन ऐसा जवाब बेंगलुरु में आॅटो चालकों से सुनने को नहीं मिलता है। कुछ देर में ही मेडिकल कॉलेज पहुंच गया। मैंने उससे पूछा कि कितने रुपए किराया हुआ। तो वह अपनी सीट के पास लगे एक बॉक्स कि ओर इशारा करके बोला, जो इच्छा हो सर, आप इस इसमें डाल दीजिए। कुछ देर तक दुविधा भरी नजरों से उसे देखते रहा। फिर डिब्बे को देखा तो उसके ऊपर लिखा था, गरीबों और जरूरतमंद लोगों के लिए डोनेशन कीजिए। इसी दौरान देखा, जो सुरक्षा गार्ड मेन गेट पर किसी की गाड़ी तक खड़ी नहीं होने देता। वह उस चालक को देखकर मुस्कुरा रहा है। फिर चालक से बोलता है..सर नमास्कर। मुझे लगा शायद सुरक्षा गार्ड शायद इसके बारे में ज्यादा जानता है। मैंने कुछ पैसे उसके बॉक्स में डाले और फिर वह चला गया। मैंने सुरक्षा गार्ड से उसके बारे में पूछा। तो पता चला कि आटो चालक लड़का चार भाई-बहन हैं। पिता की मौत हो चुकी है। बड़ा भाई पैरालाइज्ड है। दो छोटी बहनें हैं। हाल ही में अच्छे मार्क्स से पास होने पर कॉलेज के सुप्रिंटेंडेंट ने उसे ऑटो रिक्शा गिफ्ट किया था। पहले महीने ही उसने आटो चलाकर कुछ पैसे बचाकर सुप्रिंटेंडेंट को देने चाहा। पर उन्होंने लेने से इंकार कर दिया। इसके बाद से उसने मेडिकल कॉलेज आने वाले किसी भी यात्री को फ्री लाना शुरू कर दिया या बदले में कुछ पैसे बॉक्स में डालने का कहता है। महीने के आखिर में बचाए हुए पैसे को मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने आने वाले जरूरतमंदों पर खर्च करता है। मैं यह सब सुनकर हैरान था। वो शहर का रियल हीरो है। भगवान उसकी मदद करे।'
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साभार: भास्कर समाचार
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