जिन लोगों के बाल झड़ते हैं जब वे अपने बालों में हाथ डालते हैं, थोड़े
बाल हाथ में आ जाते हैं। सिर्फ यही नहीं, कभी-कभी तो यह भी होता है कि बाल
कपड़ों के साथ भी चिपके होते हैं। हैरानी तो तब होती है, जब इतने बाल गिरने
के बावजूद जब कंघी करते हैं तो बालों का गुच्छा आपके हाथों में होता है।
यदि बालों के गिरने से आप भी इतने ही परेशान हैं तो योग करें, ताकि आपके
शरीर की आंतरिक समस्याओं के कारण झड़ रहे बालों पर फुलस्टाॅप लग जाए। 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस'' मनाया जा रहा है।
योग दिवस के इस खास मौके पर हम आपको बताएंगे की कुछ चुनिंदा योगासनों के माध्यम से आप किस तरह नियमित अभ्यास से बाल गिरने की समस्याओं से निजात मिल सकती है।
धनुरासन: धनुरासन से पेट की चरबी कम होती है। इससे सभी आंतरिक अंगों, मांसपेशियों और जोड़ों का व्यायाम हो जाता है। गले के तमाम रोग नष्ट होते हैं। बाल मजबूत व चमकदार बनते हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले चटाई पर पेट के बल लेट जाएं। ठुड्डी ज़मीन पर रखें। पैरों को घुटनों से मोड़ें और दोनों हाथों से पैरों के पंजे पकड़ें। फिर सांस भर लीजिए और बाजू सीधे रखते हुए सिर, कंधे, छाती को जमीन से ऊपर उठाएं। इस स्थिति में सांस सामान्य रखें और चार-पांच सेकंड के बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पहले छाती, कंधे और ठुड्डी को जमीन की ओर लाएं। पंजों को छोड़ दें और कुछ देर विश्राम करें। इस प्रक्रिया को कम से कम तीन बार दोहराएं।
शीर्षासन: सिर के बल किए जाने की वजह से इसे शीर्षासन कहते हैं। इस आसन को करने के लिए दोनों घुटने जमीन पर टिकाते हुए फिर हाथों की कोहनियाँ जमीन पर टिकाएं। फिर हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाकर ग्रिप बनाएं, तब सिर को ग्रिप बनी हथेलियों के पास भूमि पर टिका दें। इससे सिर को सहारा मिलेगा। फिर घुटने को जमीन से उपर उठाकर पैरों को लंबा कर दें। फिर धीरे-धीरे पंजे टिके दोनों पैरों को पंजों के बल चलते हुए शरीर के करीब अर्थात माथे के नजदीक ले आएं। फिर पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए उन्हें धीरे से ऊपर उठाते हुए सीधा कर दें। इसके बाद पूरी तरह सिर के बल शरीर को टिका लें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद पुन: उसी अवस्था में आने के लिए पहले पैर घुटने से मोड़ते हुए धीरे-धीरे घुटनों को पेट की तरफ लाते हुए पंजों को भूमि पर रख दें। फिर माथे को भूमि पर टिकाकार कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद सिर को भूमि से उठाते हुए वज्रासन में बैठकर पूर्व स्थिति में आ जाएं।
पर्वतासन: यदि आप कंधो के दर्द- जकड़न या गिरते बालों से परेशान है तो आपके लिए पर्वतासन बहुत अच्छा उपाय है। इस आसन से कंधो की जकड़न और कंधों के जोड़ों को दर्द दूर होता है। इस आसन को करने के लिए समतल स्थान पर कंबल या अन्य कपड़ा बिछाकर बैठ जाएं। रीढ़ को सीधा रखें, दोनों हाथों की अंगुलियों को इंटरलॉक करें, हथेली को पलट कर सिर के ऊपर लाएं। पर्वतासन करने के लिए हाथों को ऊपर की ओर खींचे, बाजू सीधा कर लें। कंधे, बाज़ू और पीठ की मांसपेशियों में एक साथ खिंचाव को महसूस करें। इस स्थिति में एक से दो मिनट तक रूकें, गहरी सांस लें और छोड़ें। अंत में हाथों को नीचे कर लें। पैरों की स्थिति बदलिए और एक बार फिर से पर्वतासन का अभ्यास करें। रीढ़ को हमेशा सीधा रखिए।
योग दिवस के इस खास मौके पर हम आपको बताएंगे की कुछ चुनिंदा योगासनों के माध्यम से आप किस तरह नियमित अभ्यास से बाल गिरने की समस्याओं से निजात मिल सकती है।
धनुरासन: धनुरासन से पेट की चरबी कम होती है। इससे सभी आंतरिक अंगों, मांसपेशियों और जोड़ों का व्यायाम हो जाता है। गले के तमाम रोग नष्ट होते हैं। बाल मजबूत व चमकदार बनते हैं। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले चटाई पर पेट के बल लेट जाएं। ठुड्डी ज़मीन पर रखें। पैरों को घुटनों से मोड़ें और दोनों हाथों से पैरों के पंजे पकड़ें। फिर सांस भर लीजिए और बाजू सीधे रखते हुए सिर, कंधे, छाती को जमीन से ऊपर उठाएं। इस स्थिति में सांस सामान्य रखें और चार-पांच सेकंड के बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पहले छाती, कंधे और ठुड्डी को जमीन की ओर लाएं। पंजों को छोड़ दें और कुछ देर विश्राम करें। इस प्रक्रिया को कम से कम तीन बार दोहराएं।
शीर्षासन: सिर के बल किए जाने की वजह से इसे शीर्षासन कहते हैं। इस आसन को करने के लिए दोनों घुटने जमीन पर टिकाते हुए फिर हाथों की कोहनियाँ जमीन पर टिकाएं। फिर हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाकर ग्रिप बनाएं, तब सिर को ग्रिप बनी हथेलियों के पास भूमि पर टिका दें। इससे सिर को सहारा मिलेगा। फिर घुटने को जमीन से उपर उठाकर पैरों को लंबा कर दें। फिर धीरे-धीरे पंजे टिके दोनों पैरों को पंजों के बल चलते हुए शरीर के करीब अर्थात माथे के नजदीक ले आएं। फिर पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए उन्हें धीरे से ऊपर उठाते हुए सीधा कर दें। इसके बाद पूरी तरह सिर के बल शरीर को टिका लें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद पुन: उसी अवस्था में आने के लिए पहले पैर घुटने से मोड़ते हुए धीरे-धीरे घुटनों को पेट की तरफ लाते हुए पंजों को भूमि पर रख दें। फिर माथे को भूमि पर टिकाकार कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद सिर को भूमि से उठाते हुए वज्रासन में बैठकर पूर्व स्थिति में आ जाएं।
पर्वतासन: यदि आप कंधो के दर्द- जकड़न या गिरते बालों से परेशान है तो आपके लिए पर्वतासन बहुत अच्छा उपाय है। इस आसन से कंधो की जकड़न और कंधों के जोड़ों को दर्द दूर होता है। इस आसन को करने के लिए समतल स्थान पर कंबल या अन्य कपड़ा बिछाकर बैठ जाएं। रीढ़ को सीधा रखें, दोनों हाथों की अंगुलियों को इंटरलॉक करें, हथेली को पलट कर सिर के ऊपर लाएं। पर्वतासन करने के लिए हाथों को ऊपर की ओर खींचे, बाजू सीधा कर लें। कंधे, बाज़ू और पीठ की मांसपेशियों में एक साथ खिंचाव को महसूस करें। इस स्थिति में एक से दो मिनट तक रूकें, गहरी सांस लें और छोड़ें। अंत में हाथों को नीचे कर लें। पैरों की स्थिति बदलिए और एक बार फिर से पर्वतासन का अभ्यास करें। रीढ़ को हमेशा सीधा रखिए।
Post
published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our
Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR
for other important updates from each and every field.