नेशनल कोर्डिनेटर बनाने के नाम पर 25.71 लाख रुपये हड़पने और छात्रों के
भविष्य से खिलवाड़ करने पर एनआइआइएलएम विवि के तीन अधिकारियों पर मुकदमा
दर्ज किया गया है। जेड इंस्टीट्यूट के निदेशक की शिकायत और आर्थिक अपराध
शाखा की जांच के बाद पुलिस ने विवि के निदेशक, कुलपति और उपकुलपति के खिलाफ
धोखाधड़ी की धारा में रिपोर्ट दर्ज की है। तीनों अधिकारियों पर रुपये लेने
और एक वर्ष परीक्षा कराने के
बावजूद अगली परीक्षाएं न कराने का आरोप है।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रोहतक के हुडा कांप्लेक्स
स्थित जेड इंस्टीट्यूट ऑफ आइटी एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक
चंदर गर्ग ने इस मामले की शिकायत एसपी शशांक आनंद को दी थी। निदेशक चंदर
गर्ग ने शिकायत में कहा है कि 9 मई 2012 को नार्दन इंस्टीट्यूट ऑफ
इंटरग्रेटिड लर्निंग एंड मैनेजमेंट विश्वविद्यालय (एनआइआइएलएम) के तीन
अधिकारी उनके पास आए थे। विवि की निदेशक अलका कौल, कुलपति साधना रॉय और
उपकुलपति सुरेश सचदेवा ने उनसे कहा कि वह उन्हें अपना नेशनल कोर्डिनेटर
बनाना चाहते हैं। इस एवज में उन्होंने बीस लाख रुपये शुल्क जमा करने की की
मांग की। इस पर उन्होंने बीस लाख रुपये का ड्राफ्ट उनके नाम बनवाकर भुगतान
कर दिया। इसके बाद उन्होंने फीस आदि जमा करने में 25 लाख 71 हजार 944 रुपये
और खर्च किए। आर्थिक अपराध शाखा की जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करने के लिए
थाने भेजा गया था। जांच रिपोर्ट और इंस्टीट्यूट के निदेशक की शिकायत पर
मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। इस मामले में नामजदों के खिलाफ
अग्रिम कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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साभार: जागरण
समाचार
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