प्रदेश की मनोहर सरकार ने निकोटीन को जहर घोषित कर दिया है। हरियाणा विष
स्वामित्व एवं विक्रय नियम 1966 के तहत यह कार्रवाई की गई है। अभी तक 19
प्रकार के पदार्थ विष की अनुसूची में थे। निकोटीन के शामिल होने से अब विष
की संख्या बीस हो गई है। निकोटीन बीड़ी, सिगरेट व तंबाकू पदार्थो में पाया
जाता है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि निकोटीन को विष की सूची में
शामिल करने को मुख्यमंत्री ने मंजूरी प्रदान कर दी है। अब निकोटीन बेचने
वालों को भी उन्हीं नियमों का पालन करना पड़ेगा, जो पहले से अधिसूचित विषों
के स्वामित्व एवं विक्रय करने वालों पर लागू होते हैं। निकोटीन को किसी भी
वस्तु से निकालने (व्युत्पादित) या संयोग (ऐडटिव) कर किसी भी रूप में
प्राप्त किया जा सकता है। विष की सूची में अब तक एसिटिक एसिड, एसिटिक
एनहाईडराईड, सल्फ्यूरिक एसिड, हाइड्रोक्लोरिक एसिड, फास्फोरिक एसिड,
परक्लोरिक एसिड, फोरमिक एसिड, हाइड्रोश्यानिक एसिड, नाईट्रिक एसिड,
आक्सेलिक एसिड, मरकरी का परक्लोराइड, पोटाशियम हाइड्रोक्साइड, सोडियम
हाइड्रोक्साइड, हाइड्रोजन पैराक्साइड, फारमलडेहाइड, फिनोल तथा सोडियम
हाइपोक्लाराइट शामिल थे। विज ने बताया कि इन को खरीदने व बेचने के लिए नियम
तय किए गए हैं। इसके तहत किसी व्यवसायी द्वारा शैक्षिक संस्था, चिकित्सा
एवं अनुसंधान संस्थान, अस्पताल तथा सरकारी विभागों में सप्लाई करना शामिल
है।
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साभार: जागरण
समाचार
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