Wednesday, June 24, 2015

'पक्का' होने की मांग को लेकर 11 'अतिथि' बैठे अनशन पर

नियमितीकरण की मांग को लेकर शिक्षामंत्री के गृह जिले में महापड़ाव डाले अतिथि अध्यापक मंगलवार को आमरण अनशन पर बैठ गए। पहले दिन कोर कमेटी ने सिर्फ 11 अतिथियों को ही अनशन पर बैठने की अनुमति दी। इससे पहले मंच से अतिथियों ने प्रदेश सरकार और शिक्षामंत्री पर निशाना साधा। 2008 में आंदोलन के दौरान पुलिस की गोलीका शिकार बनी राजरानी के पिता ने अतिथि अध्यापकों का हौसला बढ़ाया। मंगलवार को
अनशन की शुरुआत को लेकर शाम चार बजे तक रणनीति में कई बार बदलाव हुआ। इसके पीछे कारण यह रहा कि अनशन के लिए आवेदन बड़ी संख्या में आए थे लेकिन तय नहीं हो पा रहा था किन लोगों को बैठने की परमिशन दी जाए। प्रदेश प्रवक्ता अजय लोहान ने बताया कि शाम 4.00 बजे तय हुआ कि 11 लोग अनशन पर बैठेंगे। अनशन पर जब ये 11 लोग बैठने लगे तो माहौल भावपूर्ण हो गया और अतिथियों की आंखों से आंसू छलक आए। अनशन पर बैठने से पहले कोर कमेटी ने 11 सदस्यों को गीता भेंट की। गुड़ खिलाया और सिरोपा भेंट किए।
गर्मी से बिगड़ी महिला की हालत: मेवात जिले से महापड़ाव पर पहुंची सुनीता अतिथि अध्यापक की मंगलवार को तबीयत बिगड़ गई। जिस पर उसे सामान्य अस्पताल ले जाया गया। जहां पर उसे चिकित्सकों ने भर्ती कर लिया। उपचार के बाद देर शाम महिला अतिथि अध्यापक को छुट्टी दे दी गई। सोमवार को भी नूंह के पृथला गांव में तैनात भूप्रकाश की हालत बिगड़ गई थी। 
साभार: अमर उजाला समाचार 
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