स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने नर्सिग शिक्षा के बहाने दिल्ली की आप सरकार व
अपने प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार-दोनों को निशाने पर लिया। नर्सिग छात्रओं
के विरोध पर अपनी सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए जहां उन्होंने तोमर डिग्री
का हवाला दिया वहीं परीक्षाएं रद करने से उपजे छात्रओं के आंदोलन को
हुड्डा सरकार के अनाड़ीपन का दुष्परिणाम करार दिया। पंचायत भवन में जन
परिवाद समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के
पश्चात मीडिया से रूबरू विज ने
यह भी जोड़ा कि शीघ्र ही नेशनल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता दिलाकर
नर्सिंग शिक्षा बोर्ड का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भले ही उनका साल
खराब हो जाए लेकिन सरकार उन्हें तोमर डिग्री नहीं देना चाहती। न कोई बोर्ड न
यूनिवर्सिटी, बस परीक्षाएं। नर्सिंग शिक्षा के लिए आज की तारीख में
हरियाणा में कोई बोर्ड अथवा काउंसिल गठित नहीं है। विज ने सवाल उठाए कि
बिना बोर्ड बनाए परीक्षाओं का क्या औचित्य और उसकी क्या मान्यता? इस तरह
की परिस्थिति के लिए उन्होंने स्पष्ट तौर पर पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार को
कसूरवार ठहराया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन हुड्डा सरकार ने नासमझी दिखाई।
नर्सिंग छात्रओं का आक्रोश उसी सरकार के अनाड़ीपन की देन है। एक अन्य सवाल
के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अपने महकमे की रणनीति बताते हुए
कहा कि मार्च 2016 तक प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ऑनलाइन कर
दिये जाएंगे। प्रदेश का कोई अस्पताल बिना डॉक्टर का नहीं रहेगा। उन्होंने
दोहराया कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि
761 चिकित्सकों तथा 2881 पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती की जा रही है। हृदय
रोगियों के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच जिलों में कैथ लैब शुरू किये
हैं। लैबों को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किये जाएंगे।
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साभार: जागरण
समाचार
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