हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने की मनोहर सरकार की
मुहिम को बड़ा झटका लग सकता है। 3581 गेस्ट को हटाने से गुस्साए बाकी लगभग
12 हजार अतिथि अध्यापकों ने भी कक्षाएं लेने से मना कर दिया है। तीस जून
यानि मंगलवार तक हटाए गए गेस्ट टीचर्स को वापस नहीं लिया गया तो बाकी
शिक्षक भी स्कूलों में बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे। इससे स्कूलों में शिक्षा
व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो सकती है। स्कूलों में
पहले से ही विभिन्न
श्रेणी के शिक्षकों के चालीस हजार पद खाली पड़े हैं। मास्टर कैडर के साढ़े
तीन हजार गेस्ट को सरकार पहले ही नौकरी से हटा चुकी है। अगर महेंद्रगढ़ में
महापड़ाव डाले अतिथि शिक्षकों की मांगें नहीं मानी गई तो स्कूलों में
हालात विकट हो जाएंगे। चूंकि साढ़े छह हजार जेबीटी गेस्ट, ढाई हजार गेस्ट
लेक्चरर व बाकी मास्टर कैडर के गेस्ट भी बुधवार से स्कूलों में नहीं
पहुंचेंगे। इससे बच्चों की पढ़ाई खराब होना तय है। चूंकि स्कूल शिक्षा
विभाग के पास वैकल्पिक प्रबंध नहीं हैं। सरकार ने नव चयनित 9945 जेबीटी को
भी अभी नियुक्ति नहीं दी है। मास्टर व लेक्चरर के भी काफी विषयों के पद
खाली चल रहे हैं। इससे स्कूलों में सभी कक्षाएं सुचारू रूप से चलाना
मुश्किल हो जाएगा। हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेश संयोजक राजेंद्र
शास्त्री व प्रवक्ता धर्मबीर कौशिक का कहना है कि मांगें पूरी न होने पर
सभी शिक्षक महापड़ाव में डटे रहेंगे। सरकार उनके साथ धोखा कर रही है। अभी
मास्टर को हटाया गया है, बाद में सरप्लस दिखाकर सभी गेस्ट को हटाने की
तैयारी है। चूंकि नव चयनित जेबीटी नियुक्ति पाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
इन्हें नियुक्ति पत्र मिलते ही साढ़े छह हजार जेबीटी गेस्ट सरप्लस हो
जाएंगे। सरकार उनके साथ वादाखिलाफी कर रही है। भाजपा को अपने घोषणा पत्र
अनुसार गेस्ट को नियमित करना चाहिए।
गेस्ट ने कक्षाएं न लीं तो बढ़ेगा
ड्राप आउट: प्रदेश के सरकारी स्कूलों से गेस्ट को हटाने के बाद स्कूल
प्रबंधन समितियां और बच्चों के अभिभावक पढ़ाई को लेकर चिंतित हैं। मास्टर
कैडर के गेस्ट को हटाने के बाद ही काफी अभिभावकों ने अपने बच्चों के स्कूल
लिविंग सर्टिफिकेट ले लिए हैं। पहली जुलाई से ग्रीष्म अवकाश के बाद कक्षाएं
शुरू होने पर अगर कक्षाएं सुचारू न चली तो बड़ी संख्या में अभिभावक बच्चों
को सरकारी स्कूलों से निकाल सकते हैं।
गेस्ट टीचरों की मांगें माने सरकार: हरियाणा सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने मुख्यमंत्री मनोहर
लाल को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार आंदोलनरत गेस्ट की मांगें जल्द मान ले।
स्कूलों से हटाए गए अतिथि महेंद्रगढ़ में आमरण अनशन कर रहे हैं। जल्द इनकी
समस्या का समाधान न हुआ तो बाकी कर्मचारी भी सड़कों पर उतर आएंगे। इसकी
जिम्मेदारी सरकार की होगी।
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साभार: जागरण
समाचार
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