नियमित किए जाने की मांग को लेकर चल रहा अतिथि
अध्यापकों का महापड़ाव सोमवार केे छठे दिन में प्रवेश कर गया। छठे दिन
सोमवार केे पहली मर्तबा प्रशासन की ओर से बातचीत कर मामले का हल निकालने के
प्रयास दिखाई दिए। तहसीलदार महापड़ाव
स्थल पर पहुंचे व अतिथियों को कमेटी से बात करने के लिए मनाने
की कोशिश की।
लेकिन अतिथियों ने उन्हें दो टूक जवाब दे दिया कि उनसे वायदा शिक्षामंत्री
ने किया था, इसलिए वे केवल उनसे ही बात करेंगे। करीब आधे घंटे तक चले इन
प्रयासों के बाद तहसीलदार वापस लौट गए। वहीं महापड़ाव डाले बैठे अतिथियों
ने अब पूरा गांधीगीरी वाला रास्ता अख्तियार कर लिया है। सोमवार को एक
अतिथि अध्यापक की तबीयत बिगड़ी जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। मंगलवार
से महापड़ाव पर आमरण अनशन की शुरुआत 5 अतिथि अध्यापकों के द्वारा की
जाएगी। सूत्रों की मानें तो यह संख्या बढ़कर दस भी हो सकती है क्योंकि
अंतिम क्षणों में फैसला लिया जा सकता है कि शिक्षामंत्री के विधानसभा
क्षेत्र के ही पांच गेस्ट टीचर आमरण अनशन कर सकते हैं। अतिथि अध्यापकों के
इस महापड़ाव के कारण प्रशासन सक्रिय चल रहा है व अतिथियों की पल-पल की
गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। वहीं किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए
भारी संख्या में पुलिस बल भी महापड़ाव स्थल के चारों तरफ तैनात है। एसपी
बलवान सिंह राणा का कहना है कि जब तक शांतिप्रिय तरीके से धरना चलता रहेगा,
पुलिस किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। उधर अंबाला में कृषि मंत्री धनखड़
ने गेस्ट टीचरों के लिए भी कांग्रेस को गुनहगार ठहराया। उनके अनुसार
कांग्रेस ने ही गेस्ट टीचरों के साथ छल किया था, जिसका खमियाजा अब शिक्षकों
को भुगतना पड़ा। भाजपा किसी का रोजगार छीनने की मानसिकता नहीं रखती।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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