चुनावी हलफनामे में शिक्षा संबंधी झूठी जानकारी
देने के मामले में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के
खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए या नहीं इस मुद्दे पर अदालत बुधवार को अपना
फैसला देगी। अदालत ने 1 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत
में शिकायतकर्ता के अधिवक्ता केके मनन ने 1 जून को बहस करते हुए कहा था कि
इस मामले में कोर्ट शिकायत पर संज्ञान ले सकती है। स्मृति ईरानी ने
लोकसभा
व राज्यसभा चुनाव के नामांकन भरते समय अपनी शिक्षा के संबंध में अलग-अलग
जानकारी दी थी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि स्मृति ईरानी ने 2004 लोकसभा
चुनाव के नामांकन के समय हलफनामे में कहा कि उन्होंने 1996 में डीयू के
पत्राचार विद्यालय से बीए पास किया था। इसके बाद उन्होंने 2011 में
राज्यसभा चुनाव का पर्चा भरते समय बताया कि उन्होंने डीयू के पत्राचार
विद्यालय से बी.कॉम पार्ट-एक किया था। उन्होंने
लोकसभा चुनाव 2014 के अपने तीसरे हलफनामे में कहा कि डीयू के स्कूल ऑफ ओपन
लर्निंग से बी.कॉम पार्ट-एक किया था। शिकायत में कहा गया है कि इन
हलफनामों में से केवल एक सही हो सकता है। दो हलफनामे झूठे हैं और चुनावी
हलफनामे में झूठी जानकारी देना भारतीय जनप्रतिनिधि कानून के तहत अपराध है।
Post
published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: अमर उजाला समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our
Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR
for other important updates from each and every field.