प्रदेश के सरकारी विभागों में कार्यरत अनुबंध कर्मियों की छंटनी से
कर्मचारियों में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। नौकरी गंवाने के
बाद कंप्यूटर शिक्षक और अतिथि अध्यापक आंदोलनरत हैं। कंप्यूटर लैब सहायकों
का अनुबंध सरकार बर्खास्त कर चुकी है। भाजपा सरकार ने सत्ता में आने से
पहले अपने चुनाव घोषणा पत्र में गेस्ट टीचर्स को नियमित करने के साथ ही
कर्मचारी हित में और भी कई वादे किए थे। सरकार अब उनसे पीछे
हट रही है,
इसलिए हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने मनोहर सरकार को उसके वादे याद दिलाने का
फैसला लिया है। महासंघ प्रदेश में दूसरे चरण के आंदोलन की शुरुआत करने जा
रहा है। 26 जून को फरीदाबाद से प्रदेश स्तरीय आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा।
हर जिले पर कर्मचारी सम्मेलन और धरने दिए जाएंगे। महासंघ के प्रदेश
अध्यक्ष कंवर सिंह यादव व महासचिव बीरेंद्र सिंह ने धनखड़ ने कहा कि सरकार
ने कर्मचारियों से जुड़ा एक भी वादा अब तक पूरा नहीं किया है। अनुबंध
कर्मियों को घोषणा पत्र के अनुसार पक्का करने के बजाए नौकरी से निकाला जा
रहा है। उन्होंने इसका हर स्तर पर विरोध करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री से लेकर उच्च अधिकारियों को वार्ता के लिए कई बार मांग पत्र
सौंपे जा चुके हैं। सरकार के पास कर्मचारी संगठनों के साथ वार्ता करने तक
का समय नहीं है। पंजाब के समान वेतन मान, कर्मचारियों को पक्का करना, वेतन
विसंगति दूर करना, खाली पड़े पदों को स्थायी भर्ती से भरने का भाजपा का
वादा अभी अधूरा है। रोडवेज का निजीकरण करने पर सरकार उतारू है। मजबूरन
कर्मचारियों के पास अब आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
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साभार: जागरण
समाचार
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