Thursday, June 25, 2015

अब शैक्षणिक योग्यता मामले में फंसी स्मृति ईरानी

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी नई मुश्किल में फंस गई हैं। पटियाला हाउस कोर्ट के महानगर दंडाधिकारी आकाश जैन ने चुनाव आयोग को दिए हलफनामों में उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर कथित तौर पर झूठी जानकारी देने की शिकायत पर संज्ञान ले लिया। गवाहों को समन जारी करने से पूर्व अदालत ने शिकायतकर्ता को सबूत पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत सुबूत देखने के बाद यह तय करेगी कि स्मृति
ईरानी के खिलाफ मामला चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री है या नहीं। अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। महानगर दंडाधिकारी ने अपने पांच पेज के निर्णय में कहा कि स्मृति के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने के बारे में बाद में विचार किया जाएगा और इस आधार पर अभी अर्जी को खारिज नहीं किया जा सकता। फिलहाल आरोपों का जवाब देने के लिए स्मृति को तलब किए जाने की जरूरत नहीं है।
बचाव पक्ष की दलील खारिज: अदालत ने बचाव पक्ष की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि शिकायतकर्ता ने 2004 के लोकसभा चुनाव को आधार बनाया है और इतने साल बाद शिकायत करने का औचित्य नहीं है। अदालत ने कहा कि शिकायत में 2014 में लोकसभा चुनाव में दायर हलफनामे को भी आधार बनाया गया है। वर्तमान शिकायत समयसीमा के अंतर्गत डाली गई है और इस पर संज्ञान लिया जा सकता है।
तीनों चुनावों में अलग-अलग सूचना: स्मृति ईरानी के खिलाफ यह याचिका लेखक अहमर खान ने गत अप्रैल में दायर की थी। उनका दावा है केंद्रीय मंत्री ने चुनाव आयोग को दिए तीन हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में अलग-अलग जानकारी दी है। ये हलफनामे लोकसभा व राज्यसभा चुनाव के वक्त दिए गए थे। एक जून को कोर्ट ने इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था।आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से आशुतोष ने ट्वीट कर पूछा, ‘कोर्ट ने स्मृति ईरानी मामले को सुनवाई के लायक माना है। क्या दिल्ली पुलिस आप के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की तरह उन्हें भी गिरफ्तार करेगी? क्या मोदी अपनी मंत्री से इस्तीफा लेंगे?
साभार: जागरण समाचार 
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