अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दुनिया भर में मची योग की धूम के बाद अब भारत के
स्कूलों में भी योग की पढ़ाई शुरू हो सकेगी। छठवीं से दसवीं तक की कक्षाओं
में इसे पढ़ाए जाने के लिए पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया है। इसी तरह
शिक्षकों के प्रशिक्षण में भी इसे शामिल किया जा रहा है।
एनसीईआरटी ने
तैयार किया पाठ्यक्रम: मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सोमवार को
राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान परिषद (एनसीईआरटी) की ओर से तैयार किए गए छठी
से दसवीं कक्षा तक के योग पाठ्यक्रम को जारी किया। सिलेबस के साथ ही इन
कक्षाओं के लिए
पाठ्य सामग्री भी जारी कर दी गई है। इसके बाद केंद्र सरकार
की ओर से चलाए जाने वाली सभी स्कूलों के इन कक्षाओं में योग विषय अनिवार्य
रूप से पढ़ाया जाने लगेगा। इसी तरह केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
(सीबीएसई) से संचालित होने वाले निजी स्कूलों को भी नौवीं और दसवीं में यह
विषय अनिवार्य रूप से लागू करना होगा।
प्रैक्टिकल के होंगे 80 फीसदी अंक: ईरानी ने यह भी साफ कर दिया कि इस विषय में सिर्फ किताबें पढ़ लेने से कुछ
नहीं होगा, बल्कि वास्तव में योग करना भी होगा। उन्होंने कहा कि इस विषय
में 80 फीसदी अंक व्यावहारिक (प्रैक्टिकल) परीक्षा के होंगे, जबकि 20 फीसदी
लिखित यानी थ्योरी के होंगे।
बीएड, एमएड में भी योग: इसी मौके पर
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षण परिषद (एनसीटीई) की ओर से योग विषय के लिए अलग से
तैयार किया गया शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी जारी किया गया। योग को अब
बीएड, एमएड और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में भी शामिल किया जाएगा। इसके पीछे
विचार यह है कि सभी स्कूली शिक्षक खुद योग में प्रशिक्षित हो।
सिसोदिया ने
दिया भरोसा: इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए दिल्ली के उप
मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार इसे लागू करने
में पूरा सहयोग करेगी। एक दिन
पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी
सभी लोगों को
अपने रोजाना के जीवन में योग को अपनाने की अपील की थी।
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साभार: जागरण/ भास्कर
समाचार
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