पिछले नौ दिन से महेंद्रगढ़ के देवीलाल पार्क में
महापड़ाव डालकर आंदोलन कर रहे अतिथि अध्यापकों के समर्थन में अब खाप
पंचायतें आ गई हैं। खाप नेताओं ने स्टेज से इसकी घोषणा भी कर दी है कि वे
अब गेस्ट टीचरों के साथ खड़े हैं। खाप पंचायतों के समर्थन में आने के कारण
अब सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सरकार से नाराज चल रही खाप पंचायतों का गुस्सा अब गेस्ट टीचरों को नियमित
करने के आंदोलन में सरकार के खिलाफ उतर सकता है। वहीं गेस्ट टीचरों के
द्वारा किया जा रहा आमरण अनशन बृहस्पतिवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर गया
है। गेस्ट टीचरों को समर्थन देने के लिए बृहस्पतिवार को महापड़ाव में
पहुंचे सर्वजातीय बिनैन खाप के 24 गांव के तपा प्रधान व धमतान गांव के
सरपंच रंगीराम नैन ने स्टेज से ऐलान किया कि अगर अतिथि अध्यापकों को पक्का
नहीं किया गया तो वे 1 जुलाई से स्कूल नहीं खुलने देंगे। वहीं
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि उसके मंत्रियों को चंडीगढ़ में
बंद रहने पर मजबूर कर दिया जाएगा, क्योंकि वे उन्हें किसी भी गांव
में नहीं घुसने देंगे।
बिनैन खाप ने दिया महापड़ाव पर अतिथियों को समर्थन: अखिल
भारतीय किसान सभा हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष मास्टर शेर सिंह ने गेस्ट टीचर
को समर्थन देते हुए कहा कि सरकार गेस्ट टीचरों को अकेला समझने की भूल न
करे। शेर सिंह ने कहा कि आज तक जो भी शिक्षक भर्ती हुई है, उसमें से कोई भी
अध्यापक आज तक किसी भी सरकार के द्वारा नहीं निकाला गया है। ऐसे में यह
सरकार ऐसी भूल करने की कोशिश न करे, अगर ऐसा किया गया तो उनकी यूनियन के
डेढ़ लाख किसान जेल भरने पर मजबूर हो जाएंगे। वहीं उन्होंने पात्र
अध्यापकों को संदेश दिया कि वे गेस्ट टीचरों को हटवाकर अपनी नौकरी की
डिमांड न करें क्योंकि सरकारी स्कूलों में हजारों पद खाली पड़े हैं, ऐसे
में वे मिलकर सरकार के खिलाफ अपने हक की आवाज उठाएं।
सर्वजातीय
सर्वखाप महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिनैन खाप के प्रधान नफे सिंह
नैन ने कहा कि अगर आंदोलन की जरूरत पड़ी तो वे प्रदेश की सभी 110 खापों को
चिट्ठी भेजकर इकट्ठा करेंगे। उन्होंने समर्थन देते हुए ऐलान किया कि अगर
सरकार ने जल्द ही अतिथि अध्यापकों को नियमित नहीं किया तो उन्हें मजबूरन
रास्ते जाम करने पड़ेंगे। नैन ने कहा कि सरकार का काम रोजगार देना होता है,
न कि छीनना। दस साल नौकरी करने के पश्चात ये गेस्ट टीचर कहां जाएंगे, क्या
इसका जवाब प्रदेश सरकार के पास है। उन्होंने सरकार को चेताया है कि 1
जुलाई से पहले गेस्ट टीचर को पक्का कर अपना वायदा नहीं निभाया तो खापें इस
आंदोलन की कमान संभाल लेंगी। आमरण अनशन के
तीसरे दिन अनशनकारी भिवानी जिले की सुरेंद्र कलां व कैथल के शमशेर नैन की
हालत बिगड़ गई। उसके बाद सामान्य अस्पताल से पहुंची चिकित्सकों की टीम ने
उनका स्वास्थ्य जांचा। टीम के इंचार्ज चिकित्सक दीपक यादव ने बताया कि
अध्यापिका सुरेंद्र कलां का ब्लड प्रेशर सामान्य से कम पाया गया है व शमशेर
नैन का शुगर लेवल कम पाया गया है। चिकित्सक के अनुसार उनकी टीम लगातार
अनशनकारियों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है। वहीं अनशन स्थल पर पहुंची
विकलांग अनशनकारी जोगेंद्र की मां बिमला देवी ने धरनारत अध्यापकों को
संबोधित करते हुए कहा कि अगर 16 हजार लोगों का रोजगार बचता है तो उन्हें
अपने बेटे की कुर्बानी देने में जरा भी दुख नहीं होगा। स्टेज से इस बात को
सुनकर पूरे पंडाल में माहौल भावुक हो गया।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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