हरियाणा में इन दिनों सरप्लस गेस्ट टीचरों को
स्कूलों से हटाने पर विरोध प्रदर्शन जारी हैं, तो नवचयनित जेबीटी नियुक्ति
पत्र हासिल करने के लिए शिक्षा सदन के आगे धरना दे रहे हैं। जो जेबीटी
स्कूलों में तैनात हैं, उन्हें विभाग ने बीते आठ साल से प्रमोशन ही नहीं
दिया, जिससे जेबीटी के कुछ पद रिक्त हो जाते और सरप्लस गेस्ट टीचर या
नवचयनित जेबीटी केलिए मार्ग खुल जाता। प्रदेश
के सरकारी स्कूलों में कार्यरत जेबीटी को
वरिष्ठता के आधार पर हेड टीचर
बनाए जाने का प्रावधान है। प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के दाखिले, बैंक
अकाउंट, एमआईएस डाटा, रिजल्ट, सर्वे, एमडीएम, विभागीय डाक, आरटीआई, निर्माण
कार्य का सारा काम हेड टीचर के जिम्मे ही होता है। हरियाणा सरकार के 2012
के शिक्षा सर्विस रूल के तहत राज्य में हेड टीचर के कुल 7355 पद स्वीकृत
हैं, लेकिन इस समय हालात यह है कि लगभग 20 प्रतिशत पदों पर ही हेड टीचर
कार्य कर रहे हैं। नियमानुसार, प्रत्येक 150 विद्यार्थियों पर एक हेड टीचर
का पद नॉन टीचिंग स्टाफ के रूप में अनिवार्य किया गया है लेकिन 2009 से इन
पदों पर किसी जेबीटी को प्रमोट नहीं किया गया। इसके
अलावा, जेबीटी की प्रमोशन सीएंडवी भाषा अध्यापक पद पर व मास्टर पद पर होती
है, वह भी नहीं की गई है। हालांकि, इसके लिए जेबीटी की उच्च शिक्षा को
आधार बनाया जाता है। सीएंडवी भाषा अध्यापक पद के लिए वर्ष 1998 के सर्विस
रूल के तहत हिंदी, संस्कृत व पंजाबी के कुल स्वीकृत पदों का 25 प्रतिशत
कोटा दिया गया था, लेकिन विभाग द्वारा इसकी अवहेलना किए जाने पर मामला
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने 9 नवंबर 1998 को बैकलॉग 25
प्रतिशत से भरने केआदेश भी जारी किए। इसके बाद विभाग ने आदेशों का पालन
नहीं किया। मामला फिर हाईकोर्ट पहुंचा तो 2012 के नए सर्विस रूल में ये
कोटा 25 प्रतिशत से 33 प्रतिशत कर दिया गया। अब कोटा तो बढ़ा लेकिन बैकलॉग
पहले की तरह खाली है। मास्टर पद पर 1998 के सर्विस रूल में जहां 50 प्रतिशत प्रमोशन जेबीटी को दी जानी चाहिए थी, उस पर भी आज तक अमल नहीं हुआ है। विभाग ने अब इसमें कटौती कर 50 से घटाकर 33 प्रतिशत कर दी लेकिन यहां भी बैकलॉग पूरा नहीं किया गया।
शिक्षकों का संवैधानिक हक छीन रहा विभाग: राजकीय
प्राथमिक शिक्षक संघ के मुख्य सचिव सुनील बास ने शिक्षा विभाग द्वारा
जेबीटी को लंबे समय से प्रमोशन नहीं दिए जाने की आलोचना करते हुए कहा कि
प्रमोशन किसी भी कर्मचारी का संवैधानिक हक होता है, लेकिन विभाग की
कारगुजारियों व पिछली सरकार की इच्छाशक्ति की कमी के चलते आज जेबीटी शिक्षक
साधारण कर्मचारी वर्ग बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि प्रमोशन से जेबीटी
के रिक्त पदों पर जहां नवचयनित जेबीटी की नियुक्तियां आसानी से होगी, वहीं
उच्च योग्यता प्राप्त हजारों शिक्षकों को उनकी मेहनत व संवैधानिक हक भी मिल
सकेगा।
रेशनलाइजेशन के बाद लेंगे फैसला: एलीमेंटरी
शिक्षा विभाग के निदेशक रोहतास खरब का कहना है कि रेशनालाइजेशन का काम
शुरू किया गया है। इससे जल्दी ही पता चलेगा कि कहां कितने अध्यापकों की
जरुरत है और कितनी कमी है। कितने अध्यापकों को प्रमोशन देने की जरूरत है और
सरप्लस स्टाफ कितना है। रेशनालाइजेशन का काम पूरा होते ही विभाग सभी
आवश्यक कदम उठाएगा। जिन टीचरों के प्रमोशन रुकेहैं, वह भी होंगे और नये
स्टाफ की तैनाती भी की जाएगी।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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