हरियाणा के निजी स्कूलों में नियम 134-ए के तहत
गरीब बच्चों को पहली से आठवीं कक्षा तक 10 फीसदी सीटों पर दाखिला देने को
भी राज्य सरकार तैयार नहीं है। सरकार ने इस बारे में पंजाब-हरियाणा
हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल होने के बाद अब अपना बचाव करते हुए
सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रदेश
के सामाजिक संगठन दस जमा दो मुद्दे जनआंदोलन की ओर से प्रदेश सरकार के
खिलाफ हाईकोर्ट में यह बताते हुए अवमानना याचिका दायर की गई थी। आरोप था कि
राज्य के शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के निर्देश के
बाद निजी स्कूलों में 10
फीसदी सीटों पर दाखिले के लिए गरीब बच्चों के एडमिशन फार्म को एकत्र किया,
लेकिन उन्हें दाखिला दिलाने का सर्कुलर जारी नहीं किया। अवमानना याचिका पर
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि
आरटीई के अधीन नियम 134ए पिछली सरकार ने लागू किया था, लेकिन मौजूदा सरकार
ने निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को पढ़ाने के एवज में स्कूलों को भारी
भरकम रकम नहीं दे सकती। इसके साथ ही सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना
से बचाव में यह भी कहा कि नियम 134ए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
इसलिए अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक फैसला न लिया जाए।
हाईकोर्ट ने सरकार की दलील सुनते हुए अवमानना याचिका पर सुनवाई 10 जुलाई
तक टाल दी है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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