हरियाणा के सरकारी स्कूलों में कार्यरत टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर्स) को
पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स) पदों पर सीधी भर्ती स्वीकार नहीं है।
पदोन्नति कोटे से बीते आठ सालों से इन पदों के न भरे जाने के कारण शिक्षक
विरोध में हैं। सीधी भर्ती होने से टीजीटी का पदोन्नति कोटा मारा जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग सीधी भर्ती से पीजीटी के पद भरने की तैयारी में है,
जिसके विरोध में टीजीटी ने आवाज बुलंद कर दी है। वे जल्द शिक्षा मंत्री
रामबिलास शर्मा को भी अवगत कराएंगे। शिक्षकों ने जिला स्तरीय सम्मेलनों
की रणनीति भी तैयार कर ली है। अप्रैल महीने में 10 जिलों में कार्यक्रम
होंगे। संबंधित जिलों के उपायुक्तों के माध्यम से शिक्षामंत्री को ज्ञापन
भेजे जाएंगे। बाकी 11 जिलों मे मई माह मे सम्मेलन होंगे। हरियाणा मास्टर
वर्ग एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश मलिक ने कहा कि टीजीटी के साथ सरकार
अन्याय कर रही है। पिछले 8 वर्ष से उनकी पीजीटी पदों पर पदोन्नत नहीं किया
गया है, अब शिक्षा विभाग सीधी भर्ती से इन पदों को भरने की योजना बना रहा
है। इससे सैकड़ों टीजीटी प्रभावित होंगे। शिक्षकों में सीधी भर्ती को लेकर
नाराजगी है। सीधी भर्ती का प्रयास अगर किया गया तो टीजीटी हाईकोर्ट जाने से
भी गुरेज नहीं करेंगे। मलिक ने बताया कि लगभग 1800 मौलिक स्कूल मुख्य
अध्यापकों के पद भी खाली पड़े हैं। इन्हें भरने को लेकर भी सरकार गंभीर
नहीं दिख रही। मौलिक स्कूल मुख्य अध्यापकों को आहरण-वितरण अधिकार व द्वितीय
श्रेणी का दर्जा देने का मामला भी ठंडे बस्ते में चल रहा है। कक्षा का
आकार 35 छात्रों तक सीमित रखने सहित इन सभी मांगों पर स्कूल शिक्षा विभाग
के अतिरिक्त मुख्य सचिव से वार्ता हुई है, लेकिन सकारात्मक परिणाम अभी
सामने नहीं आए हैं। जल्द ही शिक्षा मंत्री से मुलाकात का समय लिया जाएगा।
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साभार: जागरण समाचार
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