कहानी जज्बे की है। बीमारी से हार न मानने की। 49 साल की झू यूफांग
चीन के चेंगुई कस्बे की शानग्लुओ स्कूल में टीचर हैं। पिछले तीन साल से वह
ब्लैक बोर्ड पर लगी खूंटी से बंधी रस्सी के सहारे ही बच्चों को पढ़ा रही है। झू स्पाइनोसेरेबेरल एटाक्सिया नाम की बीमारी की मरीज हैं। पांव इतने
कमजोर कि खड़ी नहीं हो सकती, पैरों का तालमेल भी कमजोर है, इसलिए छड़ी का भी
इस्तेमाल नहीं कर सकती। तीन साल पहले जब बीमारी का पता चला तो स्कूल ने झू से कहा- वे चाहे तो
घर पर रह सकती हैं, वेतन मिलता रहेगा। झू ने ऑफर ठुकरा दिया। बोली- मैं जब
तक
बोल सकती हूं, पढ़ाना नहीं छोडूंगी। झू की क्लास में बच्चे भी शोर नहीं
करते, वह बच्चों की फेवरेट टीचर जो हैं। झू पिछले 31 साल से इसी स्कूल में
है।
पति रखता है ख्याल: हुआंग जब फ्री होते हैं तो अपनी पत्नी की मदद के लिए उसकी कक्षा में आ जाते हैं। बच्चों का ध्यान रखते हैं।
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार
For getting Job-alerts and Education
News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.