एक तरफ तो हमारे देश के क्रिकेटर करोड़ों कमाते हैं और अन्य खेलों में
भी भारत आगे बढ़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ एक और सच्चाई हमें शर्मसार करती
है। 16 साल की हरियाणा स्टेट मुक्केबाज चैंपियन रिशु मित्तल घरों में
झाड़ू-पोंछा लगाकर अपना खर्चा चलाती हैं। रिशू हरियाणा के कैथल से हैं।
उन्होंने पिछले साल राज्य मुक्केबाजी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था। रिशु बताती है कि वह सुबह-शाम बड़ी लगन और मेहनत से मुक्केबाजी का
अभ्यास करती है। कोच की मदद और कठिन परिश्रम से उसने स्टेट चैंपियनशिप में
गोल्ड मेडल जीता। रिशु मित्तल बेहद
गरीब परिवार से है। उसके पास दूध, दही,
पनीर और फल खाना तो दूर एक वक्त की रोटी खाने के लिए भी पैसे नहीं होते।
जानकारों का मानना है कि अगर इस खिलाड़ी को यदि पूरी डाइट मिल जाए तो देश
की दूसरी ‘मैरीकॉम’बन सकती है।
46 किग्रा भार वर्ग में जीता खिताब: रिशु ने सितंबर 2014 में राज्य स्तर पर 46 किलो भार वर्ग में स्वर्ण पदक
जीता। दिसबंर 2014 में उसने ग्वालियर में हुए राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश
का प्रतिनिधित्व किया। इससे पूर्व 2013 में फरीदाबाद और 2012 में भिवानी
में हुए राज्य स्तरीय खेलों में बॉक्सिंग में ही कांस्य पदक भी प्राप्त
किया।
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साभार: भास्कर समाचार
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