Tuesday, April 7, 2015

प्रिंसिपल और एचओडी के खिलाफ वारंट जारी

रोहतक के मस्तनाथ पॉलीटेक्निक कॉलेज पदाधिकारियों की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। बिना मान्यता के कोर्स में दाखिला देने के आरोपों का सामना कर रहे तत्कालीन प्रिंसिपल ओमप्रकाश धींगड़ा और एचओडी कविता विज कोर्ट में पेश नहीं हुए। इसके चलते जेएमआईसी मंजीत पाल दहिया की अदालत ने प्रिंसिपल के जमानती और एचओडी के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। तीसरा आरोपी परीक्षा कोआर्डिनेटर कम कैशियर मनोज राठी पहले ही कोर्ट में पेश हो चुका है। रिवेन्यू कॉलोनी निवासी राहुल सैनी ने 2013 में अर्बन एस्टेट थाने में केस दर्ज कराया। शिकायत दी कि उसने मस्तनाथ पॉलीटेक्निक कॉलेज अस्थल बोहर से डिप्लोमा इन मेकेनिकल इंजीनियरिंग का कोर्स करने के लिए दाखिला लिया। आरोप लगाया कि लंबे समय तक दूसरे छात्रों के साथ उसे भी अंधेरे में रखा गया। जब रोल नंबर नहीं मिला तो उन्हें शक हुआ। पता चला कि तकनीकी बोर्ड ने संस्थान को कोर्स कराने की मान्यता ही नहीं दे रखी है। अर्बन एस्टेट पुलिस ने प्राचार्या, विभागाध्यक्ष व परीक्षा नियंत्रक सहित चार के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया।
पुलिस ने नहीं की संतोषजनक कार्रवाई: पीड़ित छात्र ने बताया कि मामले में पुलिस ने संतोषजनक कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने कोर्ट में जो जांच रिपोर्ट दाखिल की, उसमें बताया कि आरोपियों के खिलाफ ठोस तथ्य सामने नहीं आ रहे। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने स्तर पर चारों आरोपियों को वारंट जारी किए। फरवरी में केवल मनोज राठी पेश हुए। वहीं, प्राचार्य ओमप्रकाश का सही पता नहीं होने के कारण सूचना नहीं पहुंच सकी। ऐसे में उनके जमानती, जबकि विभागाध्यक्ष कविता विज के गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। 
साभार: अमर उजाला समाचार
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