Tuesday, April 7, 2015

77 साल पहले छपा था भारत में 10000 का नोट

रिजर्व बैंक ने अपने 80 साल पूरे कर लिए हैं। आरबीआई की 80वीं वर्षगांठ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट छापने में इस्तेमाल होने वाले कागज और स्याही के स्वदेशी होने की इच्छा जताई थी। इससे भारत में छपने वाले नोटों की छपाई में लगने वाली लागत में काफी कमी आएगी। जल्द ही देश में तैयार कागज पर नोट छपेंगे। लेकिन, क्या आपको पता है कि पहले भी भारत में बने कागज पर नोट छपते थे, यही नहीं भारत में 10000 रुपए का नोट भी छप
चुका है। अगर नहीं जानते तो हम आपको बताएंगे कि कब और किसने छापा था 10 हजार का नोट और आरबीआई अभी भी इस नोट की छपाई कर सकता है। 
1938 में छापा गया था 10,000 रुपए का नोट: 1938 में पहली बार रिजर्व बैंक ने 10,000 रुपए का नोट भारत में छापा गया था। रिजर्व बैंक ने जनवरी 1938 में पहली पेपर करंसी छापी थी, जो 5 रुपए नोट की थी। इसी साल 10 रुपए, 100 रुपए, 1,000 रुपए और 10,000 रुपए के नोट भी छापे गए थे। हालांकि, 1946 में 1,000 और 10 हजार के नोट बंद कर दिए गए। 1954 में एक बार फिर से 1,000 और 10,000 रुपए के नोट छापे गए। साथ ही 5,000 रुपए के नोट की भी छपाई की गई। लेकिन, 1978 में इन्हें पूरी तरह से बंद कर दिया गया। 
पहले बैंक छापते थे नोट: पेपर करंसी छापने की शुरुआत 18वीं शताब्दी में हुई। सबसे पहले बैंक ऑफ बंगाल, बैंक ऑफ बॉम्बे और बैंक ऑफ मद्रास जैसे बैंकों ने पेपर करंसी छापी थी। पेपर करंसी एक्ट 1861 के बाद करंसी छापने का पूरा अधिकार भारत सरकार को दे दिया गया। 1935 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना तक भारत सरकार करंसी छापती रही, जिसके बाद रिजर्व बैंक ने यह जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली। 
क्या फिर से शुरू हो सकती है छपाई: मौजूदा समय में रिजर्व बैंक 10 रुपए, 100 रुपए, 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट छाप सकता है। हाल ही में 1 रुपए के नोट की भी छपाई शुरू हुई है। इससे पहले 1 रुपए, 2 रुपए और 5 रुपए के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी, क्योंकि इनके लिए सिक्कों को बाजार में उतारा गया था। अब 10000 के नोट को लेकर भी यही चर्चा है कि स्वदेशी कागज और स्याही होने के चलते इसकी छपाई शुरू हो सकती है।रिजर्व बैंक के पास अभी भी 10,000 रुपए के नोट छापने का अधिकार है, लेकिन इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 में थोड़े संशोधन करने होंगे। 
2000 करोड़ करेंसी नोट छापता है रिजर्व बैंक: रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के मुताबिक, करेंसी नोट का कागज तैयार करने वाले कारखाने पर काम जल्द ही खत्म होने वाला है। जल्द ही देश में तैयार कागज पर ही नोट छपेंगे। रिजर्व बैंक के अनुसार, भारत हर साल 2,000 करोड़ करेंसी नोट छापता है। इसकी 40 प्रतिशत लागत कागज और स्याही के आयात में जाती है। ये कागज जर्मनी, जापान और ब्रिटेन जैसे देशों से आयात किया जाता है।  
क्या लागत है एक नोट की छपाई की: 
1000 के नोट (प्रति हजार नोट): 
  • भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 2670 रुपए
  • सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड- 3159 रुपए
500 के नोट (प्रति हजार नोट): 
  • भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 2450 रुपए
  • सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड- 2530 रुपए
100 के नोट (प्रति हजार नोट):
  • भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 1200 रुपए
  • सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड- 1408 रुपए
50 के नोट (प्रति हजार नोट):
  • भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 1635 रुपए
  • सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड- 946 रुपए 
20 के नोट (प्रति हजार नोट): 
  • भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 940 रुपए
  • सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड- 1160 रुपए
10 के नोट (प्रति हजार नोट):
  • भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 660 रुपए
  • सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड- 946 रुपए
1 रुपए का नोट (प्रति हजार नोट):
  • भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड- 350 रुपए
  • सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड- 400 रुपए
साभार: भास्कर समाचार
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