Monday, April 6, 2015

अगर सब्सिडी चाहिए तो 30 जून तक जोड़ें इन तीन चीजों को

घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) के सब्सिडी वाले सिलेंडर के ग्राहकों को सब्सिडी की रकम सीधे बैंक खाते में हस्तांतरित करने की संशोधित योजना (पहल) से आप अभी तक नहीं जुड़े हैं तो भी आपको तीन महीने की सब्सिडी दे दी जाएगी। लेकिन इसके लिए शर्त यह है कि आप 30 जून 2015 तक अपनी गैस एजेंसी को अपने बैंक खाता संख्या की जानकारी देकर गैस ग्राहक संख्या (एसवी नंबर) को अपने बैंक खाते से जोड़ दें। ऐसा करते ही आपको तीन महीने की सब्सिडी एक साथ बैंक में भेज दी जाएगी और आगे भी मिलती रहेगी। यदि आपने ऐसा नहीं किया, तो आप एलपीजी सब्सिडी से वंचित हो जाएंगे। Post published at www.nareshjangra.blogspot.com एक जनवरी 2015 से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य भाग में पहल लागू तो हो गया है, लेकिन इससे अभी तक शत प्रतिशत ग्राहक जुड़ नहीं पाए हैं। पहल से नहीं जुड़ने वाले ग्राहकों को 31 मार्च 2015 के बाद से गैस सिलेंडर पर सब्सिडी मिलना बंद हो गया है। ग्राहक चाहें तो उन्हें यह सब्सिडी मिल सकती है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि इस वर्ष अप्रैल, मई और जून को पार्किंग पीरियड घोषित किया गया है। मतलब, पहल से नहीं जुड़ने वाले ग्राहकों की भी सब्सिडी जारी की जाएगी, लेकिन उसे ग्राहकों को नहीं दे कर अलग रख दिया जाएगा। यदि ऐसे ग्राहक 30 जून 2015 तक अपने एसवी नंबर को बैंक अकाउंट नंबर से लिंक करा देते हैं, तो उनके खाते में सब्सिडी की रकम हस्तांतरित कर दी जाएगी। ग्राहक यदि ऐसा नहीं करते हैं, तो एक जुलाई 2015 के बाद यह राशि जब्त कर ली जाएगी। 30 जून के बाद लिंक कराने वालों को पिछली सब्सिडी नहीं मिलेगी। उनके मुताबिक पहल से जुड़ने के लिए आधार नंबर अनिवार्य नहीं है, लेकिन यदि आधार नंबर देते हैं तो इससे गैस एजेंसी और बैंक को सहूलियत होती है। देश में इस समय कुल 15.3 करोड़ एलपीजी ग्राहक हैं, जिनमें से 80 फीसदी से ज्यादा (करीब 12 करोड़) ग्राहक पहल से जुड़ गए हैं। उनके मुताबिक इसे ग्रामीण क्षेत्र में अपार समर्थन मिला है, जहां करीब करीब शत प्रतिशत सीडिंग हो गई है। 
साभार: अमर उजाला समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.