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पंजाब शिक्षा विभाग ने डीपीआई को एक बार फिर से
निर्देश जारी किया है कि इस तथ्य को सुनिश्चित बनाया जाए कि कोई भी
कान्वेंट स्कूल अपने छात्रों को आपस में पंजाबी में बातचीत करने पर पाबंदी न
लगाए। डीपीआई को भेजे गए पत्र की जानकारी इस मामले को उठाने वाले एडवोकेट
एचसी अरोड़ा को भी भेजकर
अवगत कराया गया है। पंजाब
जागृति मंच ने अरोड़ा के माध्यम से कानूनी नोटिस भेज कर शिक्षा विभाग को
अवगत कराया था कि पंजाब में कान्वेंट स्कूल अपने छात्रों को पंजाबी में
आपसी बातचीत करने से रोक रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं किया जा सकता। विशेषकर
जालंधर के दो स्कूलों की ओर से ऐसी पाबंदी अपने प्रॉस्पेक्टस तक में छापने
का हवाला भी नोटिस में दिया गया था। अब अरोड़ा को शिक्षा विभाग ने अवगत
कराया है कि ऐसी पाबंदी नहीं लगाने संबंधी सख्ती बरतने का निर्देश डीपीआई
स्कूल्स को दे दिया है। अरोड़ा ने 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा
दिवस मनाने की मांग भी की थी, लेकिन शिक्षा विभाग इस तथ्य पर मौन है।
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साभार: अमर उजाला समाचार
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