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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा स्कूलों में गुणवत्ता एवं गुणात्मक
सुधार के प्रयास जारी हैं। इसके तहत सभी स्कूलों को ‘यू-ट्यूब’ से जोड़ने
की तैयारी है। शिक्षा बोर्ड की इस नई नीति से विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का
प्रदर्शन एवं प्रचार कर सकेंगे। इतना ही नहीं हाईटेक बनने के साथ उनका
सर्वागीण विकास होगा और काफी
कुछ नया सीखने को मिलेगा। हाल ही में
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने विद्यार्थियों को उनके तरीके से ही
पढ़ाने एवं सिखाने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए
हैं कि अपने यू-टयूब चैनल बनाए। इस पर स्कूल की तमाम शैक्षणिक गतिविधि को
उस पर अपलोड करें। इससे विद्यार्थियों की गतिविधियों को इंटरनेट के माध्यम
से प्रचारित कर सकेंगे और समय-समय पर देख भी पाएंगे। ऐसा करने से नवीनतम
जानकारियों का आदान-प्रदान हो पाएगा।
बोर्ड ने सकरुलर जारी किया: इस
संबंध में शिक्षा बोर्ड ने सीबीएसई स्कूलों को सकरुलर जारी कर दिया है।
स्कूलों को अपनी विभिन्न ‘लर्निग एक्टिविटीज’ को इस चैनल पर अपलोड करना
होगा। इसके अलावा शॉर्ट फिल्म, रोल प्ले, टॉक, डिस्कशन, वाद-विवाद सहित
प्रजेंटेशन सभी गतिविधियों की रिकॉर्डिग करनी होगी, जिसे यू-ट्यूब चैनल पर
अपलोड किया जाएगा।
ये होंगे विषय: शिक्षा बोर्ड ने कुछ विषयों पर आधारित
गतिविधियों की रिकॉडिंग को यू-ट्यूब पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।
इनमें स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, सामाजिक मुद्दे, पर्यावरण और पढ़ाने के नये
तरीके आदि शामिल हैं। इस हाईटेक शिक्षा से विद्यार्थियों को काफी कुछ
सीखने को मिलेगा। इससे ज्ञानवर्धन होगा और अन्य विद्यार्थियों के समक्ष
अपनी प्रतिभा का प्रचार एवं प्रसार कर सकेंगे।यू-ट्यूब चैनल से
विद्यार्थियों को काफी फायदा मिलेगा। इससे विद्यार्थी अपने ज्ञान का
आदान-प्रदान कर सकेंगे। परीक्षा की तैयारी में भी आसानी होगी। यह शिक्षा
बोर्ड की अच्छी पहल है।
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साभार: जागरण समाचार
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