Thursday, August 17, 2017

सब्जियों का MSP तय करेगी सरकार, बनेगा फंड; सब्जी कम रेट पर बिकी तो फंड से दिया जाएगा पैसा

हरियाणा सरकार अब सब्जियों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करेगी। इसके लिए विशेष फंड बनेगा। यदि मंडी में सब्जी तय रेट से कम दाम पर बिकी तो सरकार भरपाई करेगी। अगर ज्यादा रेट पर बिकती
है तो किसानों से कुछ पैसा लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक बागवानी विभाग इस फार्मूले पर काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि योजना के पहले चरण में आलू, टमाटर और एक कोई अन्य सब्जी का एमएसपी तय किया जाएगा। योजना लागू हुई तो देश में हरियाणा पहला प्रदेश होगा जहां सब्जियां एमएसपी पर बिकेंगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। 
रेट के भारी उतार-चढ़ाव पर लग सकती है रोक: कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इससे सब्जियों के भाव में भारी उतार-चढ़ाव पर रोक लग सकती है। वहीं कुछ किसान संगठनों का कहना है कि ज्यादा रेट मिलने पर किसानों से पैसा नहीं लिया जाना चाहिए। कम रेट पर मिलने पर सरकारी फंड से पैसा देना चाहिए। 
योजना में शामिल होने के लिए किसान को पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बताना होगा कि कितने एकड़ में क्या सब्जी उगाएंगे। मंडी में सब्जी जे फार्म पर बिकेगी। तभी उसे योजना में शामिल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सरकार सब्जी की उत्पादन लागत तय करेगी। इसके बाद किसान का लाभ भी रखा जाएगा। दोनों को जोड़कर एमएसपी तय होगा। मंडी में सब्जी एमएसपी से कम रेट में बिकी तो यह जे फार्म पर लिखा जाएगा। इसके बाद अतिरिक्त राशि सरकारी फंड से सीधे किसान के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी। वहीं, मंडी में सब्जी के दाम तय रेट से ज्यादा मिले तो किसान से कुछ पैसा काटा जाएगा। यह पैसा सीधे फंड में चला जाएगा, जो सब्जियों के एमएसपी तय करने के लिए रखा है। 
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साभार: भास्कर समाचार 
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