Wednesday, August 9, 2017

गिनती से पहले हाईवोल्टेज ड्रामा और असमंजस में घिरा गुजरात राज्यसभा चुनाव

पिछले दो हफ्ते से गर्मागर्म अटकलों में उलझा गुजरात राज्यसभा चुनाव नतीजों तक पहुंचने से पहले असमंजस, आरोप-प्रत्यारोप और हाईवोल्टेज ड्रामा के भंवर में अटक गया। वोटों की गिनती के बजाय चुनाव
आयोग के दरवाजे पर कांग्रेस और भाजपा का शक्ति परीक्षण शुरू हो गया है। खींचतान इतनी लंबी चली कि वोटों की गिनती ही रुक गई। देर रात तक भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष प्रतिनिधिमंडल ने अपने-अपने दावे ठोके। भाजपा ने तत्काल गिनती शुरू कराने की मांग की तो कांग्रेस ने क्रास वोटिंग करने वाले अपने दो विधायकों के वोट रद करने की मांग की। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। तेजी से बदले घटनाक्रम में पूर्ण चुनाव आयोग बैठक कर मंथन में जुट गया। यह संकेत भी दिया गया कि फैसला मंगलवार की रात ही हो जाएगा। वहीं इस आशंका को भी खारिज नहीं किया जा रहा है कि यह मामला कहीं कोर्ट तक न पहुंच जाए। संभव है कि कांग्रेस कोर्ट से चुनाव पर स्टे की मांग करे।
गुजरात से जहां अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत सुनिश्चित है, वहीं तीसरी सीट पर कांग्रेस के अहमद पटेल के चुनाव का मामला विवादों में घिर गया है। यूं तो पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि ऐन वक्त पर कांग्रेस के कुछ विधायक क्रास वोटिंग कर सकते हैं। फिर भी कांग्रेस के नेता आश्वस्त थे। पर मंगलवार की शाम वोटिंग के बाद कांग्रेस नेता चुनाव आयोग पहुंच गए। पी. चिदंबरम, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने आयोग का दरवाजा खटखटाया और हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव में वोट दिखाया नहीं जाता है। ऐसा होने पर वोट अमान्य हो जाता है। चूंकि कांग्रेस के दो विधायकों के वोट दूसरों ने भी देख लिए हैं, इसलिए उनका वोट अमान्य किया जाए। जाहिर है कि कांग्रेस अपने विधायकों को क्रास वोटिंग करने से नहीं रोक सकी। 
भाजपा बोली- हार की हताशा दिखा रही कांग्रेस: बात यहीं नहीं रुकी। थोड़ी देर बाद भी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल फिर से आयोग पहुंचा तो जवाबी कार्रवाई में भाजपा भी पहुंची। भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, मुख्तार अब्बास नकवी, पीयूष गोयल, धर्मेद्र प्रधान जैसे नेताओं के प्रतिनिधिमंडल का तर्क अलग था। रविशंकर ने कहा कि कांग्रेस सुबह से चुप थी, लेकिन जब यह लगा कि हार सुनिश्चित है तो नतीजे को रोकने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कांग्रेस की दलील को नकारते हुए कहा कि चुनाव में रिटर्निग ऑफिसर और पर्यवेक्षक ने कोई सवाल नहीं उठाए हैं। वोट मत पेटी में पड़ चुका है। ऐसे में दो वोट अमान्य करने की मांग केवल कांग्रेस की हताशा जताता है। रविशंकर ने कहा कि बार-बार चुनाव आयोग आकर कांग्रेस आयोग पर दबाव बढ़ाना चाहती है तो गलत है।
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साभार: जागरण समाचार 
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