Sunday, August 20, 2017

बेहद रोचक शोध: इसलिए पुरानी बातें याद करते समय हम अक्सर आंखें बंद कर लेते हैं

किसी से कोई मुश्किल सवाल पूछिए। हो सकता है वो आंखें बंद कर जवाब सोचने लगे या नजर ऊपर उठाए और जवाब खोजने लगे। लेकिन ऐसा क्यों होता है। इंग्लैंड की यॉर्क यूनिवर्सिटी में इस बारे में दिलचस्प शोध हुआ है।
शोध में शामिल लोगों को आठ मिनट की एक वीडियो क्लिप टीवी पर दिखाई गई। वीडियो दो लोगों की आपस में लड़ाई के बारे में था। वीडियो खत्म होने के करीब पांच मिनट बाद इसे देखने वालों को चार अलग-अलग ग्रुप में बांट दिया गया और उनसे वीडियो के बारे में पूछा गया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। पहले ग्रुप के लोगों को एक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बिठा दिया गया, लेकिन स्क्रीन बंद रखा गया। दूसरे ग्रुप को आंखंे बंदकर जवाब देने के लिए कहा गया और तीसरे ग्रुप को कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बिठाया गया। उस पर अलग-अलग तस्वीरें चल रही थीं। चौथा ग्रुप भी कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ही बैठा, लेकिन पीछे से अजीब आवाजें और शोर-गुल रहा था। ब्लैंक स्क्रीन और आंखें बंद कर बैठे लोगों ने वीडियो के बारे में ज्यादा सटीक जवाब दिए। जबकि जिस ग्रुप को जवाब देते समय अजीब चित्र और आवाजें सुनाई गईं वो कम सही जवाब दे पाए। शोध में पता चला कि आवाजों और चित्रों के व्यवधान के कारण पुरानी बातों को याद करना और उनके बारे में बताना मुश्किल हो जाता है। खासतौर पर वीजुअल डिस्ट्रक्शन किसी बात को याद करना ज्यादा मुश्किल बना देता है। इसलिए अगली बार अगर आपको कुछ याद करना हो तो ऊपर देखिए, आंखें बंद कीजिए और सबसे पहले व्यवधानों को दूर कीजिए। 
जब आंखें खुली होती हैं तो मस्तिष्क आंखों से बाहरी इनपुट लेता रहता है और ये मस्तिष्क को व्यस्त रखता है। इसलिए आंखें बंद कर या ऊपर कर अगर किसी पुराने दृश्य को याद करने की कोशिश की जाए तो यह काम बेहतर तरीके से हो पाता है। 
Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: भास्कर समाचार 
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