Wednesday, August 9, 2017

विवादित रागिनी गाने का मामला: हाई कोर्ट ने मांगी सपना चौधरी के प्रोग्राम की सीडी

गुड़गांव में एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर खारिज किए जाने की मांग को लेकर गायिका डांसर सपना चौधरी के मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट ने उस कार्यक्रम की सीडी को पेश करने को कहा है जिसमें
सपना ने विवादित रागिनी गाई थी। मंगलवार को जिरह के दौरान शिकायतकर्ता ने कोर्ट से आग्रह किया की वो सपना की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाए। शिकायतकर्ता की तरफ से कहा गया कि एससी एसटी एक्ट में अग्रिम जमानत का कोई प्रावधान नहीं है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। कोर्ट में जिरह के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि रागिनी गाते समय सपना ने भोली शब्द की जगह बावली शब्द का प्रयोग किया है जोकि मूल रागिनी में नहीं है। मूल रूप से रागिनी में भोली शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यह एक नेगेटिव इंप्रेशन देने वाला शब्द है। पुलिस ने लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुई इस मामले में एफआईआर दर्ज की। सपना की तरफ से वकील ने कोर्ट में कहा कि भोली बावली शब्द का अर्थ एक जैसा ही है इसलिए शब्द का गलत अर्थ निकालकर केस दर्ज करना जल्दबाजी है। हाईकोर्ट ने इस पर कार्यक्रम की सीडी कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया जिसमें यह रागिनी गाई गई थी।  
सपना की तरफ से याचिका में कहा गया कि उसके खिलाफ सेक्टर 29 थाना क्षेत्र के चकरपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में रागिनी पेश करते हुए एक जाति विशेष पर टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था। खांडसा निवासी सतपाल तंवर ने पुलिस में शिकायत देते हुए कहा था कि उनके द्वारा गाई गई रागिनी से एससी एसटी वर्ग के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। 
शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। सपना ने याचिका में कहा कि यह रागिनी विभिन्न लोक गायक पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से विभिन्न कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की जा रही है। इस मामले में उन्हें टारगेट किया जा रहा है और उनका किसी को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। हाईकोर्ट ने इस मामले में सपना की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है।
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साभार: भास्कर समाचार 
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