वोटर लिस्ट में अब कोई भी दो जगह नाम नहीं लिखवा सकेगा। वोटर लिस्ट का तमाम डाटा अब ऑनलाइन कर दिया गया है। कोई मतदाता हरियाणा में जैसे ही वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए फार्म संख्या 6 में आवेदन
करेगा तो उसकी सारी डिटेल तुरंत देशभर के निर्वाचन अधिकारियों के पास चली जाएगी। उसके बाद नाम, पता, पिता का नाम और अन्य जानकारियों के आधार पर एक जगह से उसका नाम हटा दिया जाएगा। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। राज्य में करीब 15 लाख मतदाता ऐसे हैं जिनके नाम वोटर लिस्ट में नहीं हैं। इनमें से 9 लाख युवा मतदाता ऐसे हैं जिनकी आयु 18 से 21 साल के बीच है। इनमें कुछ तो ऐसे हैं जिन्होंने हाल ही 18 साल की आयु पूरी की है, जबकि कुछ ऐसे हैं जो पढ़ाई, अथवा रोजगार के लिए कहीं बाहर चले गए और उनके नाम वोटर लिस्ट में नहीं लिख पाए थे। इनके नाम जोड़ने को 1 जुलाई से 31 जुलाई तक विशेष अभियान चलेगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अंकुर गुप्ता ने बताया कि राज्य में करीब 2.83 करोड़ की आबादी है। इस हिसाब से प्रदेश में 1.83 करोड़ मतदाता होने चाहिए। लेकिन उनकी वोटर लिस्टों में 1.68 करोड़ मतदाता ही रजिस्टर्ड हैं। वर्ष 2016-17 के दौरान डुप्लीकेसी की वजह से करीब 70,000 मतदाताओं के नाम काटे गए। इसलिए बाकी बचे 15 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने के लिए 1 जुलाई से विशेष अभियान शुरू होगा। सभी सरकारी, प्राइवेट कॉलेज, स्कूल, आईटीआई, पॉलिटेक्निक और बीएड कॉलेजों में 13 और 20 जुलाई को नए वोटरों के नाम जोड़ने के लिए विशेष कैंप लगाए जाएंगे। मोबाइल एप अथवा ऑनलाइन भी वोटरलिस्ट में नाम जुड़वाए जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवारों अथवा राजनीतिक दलों द्वारा वोटरों के डबल वोट बनवाने के मामले पिछले दिनों सामने आए थे। पिछली कांग्रेस सरकार में राज्यमंत्री सुखवीर कटारिया के खिलाफ तो गुड़गांव में मामला भी चल रहा है।
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साभार: भास्कर समाचार
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