विद्यार्थियों को स्मार्ट एजुकेशन देने के लिए वर्ष 2008 में करीब 550 करोड़ रुपए से प्रदेश के हर स्कूल में लगाए गए एजुसेट सिस्टम में से 70 फीसदी ठप पड़े हैं। कहीं सिस्टम की बैटरियां ही ठप पड़ी हैं, कहीं मॉनिटर
खराब हैं, जिन्हें ठीक ही नहीं किया गया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वहीं, कई जगह जनरेटर काम नहीं कर रहे हैं। इस वजह से भी बिजली नहीं होने पर एजुसेट सिस्टम नहीं चल रहे। प्रदेश में कुल प्राथमिक स्कूल 8705 हैं, जिसमें 9,78,619 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन स्कूलों में एजुसेट के जरिए बच्चों को कई प्रकार के कार्यक्रम शैक्षणिक गतिविधियाें से अवगत कराने का उद्देश्य था, जो मेंटेनेंस के अभाव में सिरे नहीं चढ़ सका। शिक्षा विभाग के एसीएस पीके दास ने बताया कि प्रदेश के 50 फीसदी स्कूलों में एजुसेट काम कर रहे हैं। जिन जिलों में एजुसेट बंद पड़े हैं, हमने डीईओ डीईईओ से रिपोर्ट मांगी है।
गांवों में बिजली नहीं तो कैसे चलेंगे एजुसेट, बैटरी भी खराब: फरीदाबाद जिले में करीब 750 प्राथमिक स्कूल हैं, यहां भी करीब 65 फीसदी से अधिक स्कूलों में एजुसेट बंद पड़े हैं। एत्मादपुर में संचालित राजकीय प्राथमिक स्कूल में पिछले काफी समय से एजुसेट का संचालन हुआ ही नहीं है। रोहतक में 211 राजकीय प्राथमिक स्कूलों में 80 फीसदी में एजुसेट बंद पड़े हैं। गत शनिवार को हुए ज्वॉयफुल एक्टीविटी के तहत बच्चे प्रसारण नहीं देख पाए, जबकि खेड़ी साध रिठाल गांव में स्थित राजकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में ही एजुसेट का संचालन होते पाया गया।
खराब हैं, जिन्हें ठीक ही नहीं किया गया। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वहीं, कई जगह जनरेटर काम नहीं कर रहे हैं। इस वजह से भी बिजली नहीं होने पर एजुसेट सिस्टम नहीं चल रहे। प्रदेश में कुल प्राथमिक स्कूल 8705 हैं, जिसमें 9,78,619 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन स्कूलों में एजुसेट के जरिए बच्चों को कई प्रकार के कार्यक्रम शैक्षणिक गतिविधियाें से अवगत कराने का उद्देश्य था, जो मेंटेनेंस के अभाव में सिरे नहीं चढ़ सका। शिक्षा विभाग के एसीएस पीके दास ने बताया कि प्रदेश के 50 फीसदी स्कूलों में एजुसेट काम कर रहे हैं। जिन जिलों में एजुसेट बंद पड़े हैं, हमने डीईओ डीईईओ से रिपोर्ट मांगी है।
गांवों में बिजली नहीं तो कैसे चलेंगे एजुसेट, बैटरी भी खराब: फरीदाबाद जिले में करीब 750 प्राथमिक स्कूल हैं, यहां भी करीब 65 फीसदी से अधिक स्कूलों में एजुसेट बंद पड़े हैं। एत्मादपुर में संचालित राजकीय प्राथमिक स्कूल में पिछले काफी समय से एजुसेट का संचालन हुआ ही नहीं है। रोहतक में 211 राजकीय प्राथमिक स्कूलों में 80 फीसदी में एजुसेट बंद पड़े हैं। गत शनिवार को हुए ज्वॉयफुल एक्टीविटी के तहत बच्चे प्रसारण नहीं देख पाए, जबकि खेड़ी साध रिठाल गांव में स्थित राजकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में ही एजुसेट का संचालन होते पाया गया।
बिना सुविधा के कंटेंट तैयार करने में जुटी सरकार: प्रदेश सरकार एजुसेट के लिए ऐसे कंटेंट तैयार करने में लगी है जो बच्चों का ज्ञानवर्धन करें और उन्हें आसानी से समझ में आए। शिक्षा विभाग एक्सपर्ट को विशेष ट्रेनिंग भी देने जा रहा है। ट्रेनिंग देने का काम भी तकनीक स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन के एक्सपर्ट देंगे। छह जून से ट्रेनिंग शुरू होगी। इसमें अलग अलग स्कूल से चुने गए 114 विषय विशेषज्ञ भाग लेंगे। विभाग के एसीएस पीके दास ने बताया कि एजुसेट से टीचर जब पढ़ाता है तो उसके साथ बच्चे सीधे फेस टू फेस इंटरेक्ट नहीं होते। इसलिए इसका कंटेंट अलग होना चाहिए। एजुसेट का यह कंटेंट सात साल में पहली बार बदला जा रहा है।
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साभार: भास्कर समाचार
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