Thursday, June 1, 2017

पशु बिक्री पर रोक नागरिक अधिकार का उल्लंघन नहीं; केंद्र के फैसले पर केरल हाई कोर्ट ने लगाई मुहर

वध के लिए पशुओं की खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना को केरल हाई कोर्ट ने नागरिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं माना है। हाई कोर्ट ने बुधवार को इसके खिलाफ दायर याचिका स्वीकार
करने से इन्कार कर दिया। चीफ जस्टिस नवनीति प्रसाद सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि केंद्र की अधिसूचना में उसके हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। अधिसूचना में बीफ बेचने और खाने पर कोई प्रतिबंध नजर नहीं आ रहा है। पीठ के ऐसा कहने के बाद युवक कांग्रेस के प्रदेश सचिव एजी सुनील ने अपनी जनहित याचिका वापस ले ली। अदालत ने कहा कि नियम में कोई वैधानिक चूक नहीं है। इसमें संविधान का उल्लंघन नहीं किया गया है। इससे पहले मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ केंद्र की अधिसूचना पर चार हफ्ते के लिए रोक लगा चुकी है। 
केरल सरकार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रलय की ओर से जारी अधिसूचना का विरोध किया है। मुख्यमंत्री पी विजयन ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर मुद्दे पर चर्चा कराने की घोषणा की है। विजयन ने कहा कि केंद्र सरकार के पास इस तरह का आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। यह राज्य का मामला है इसलिए केंद्र द्वारा लागू नियम संवैधानिक रूप से वैध नहीं है।
संविधान का दिया हवाला: जस्टिस शर्मा ने अपने फैसले में संविधान का भी हवाला दिया। अनुच्छेद 48 में कहा गया है कि राज्य गाय, बछड़ों व अन्य दुधारू, गैर दुधारू पशुओं का संरक्षण करे और इनके वध पर रोक लगाए। अनुच्छेद 51ए (ग) में जीवों के प्रति दया रखने और पर्यावरण के संरक्षण की बात कही गई है।
इधर राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि गोवंश की हत्या पर सजा को बढ़ाकर उम्रकैद किया जाना चाहिए। इस समय इसके लिए तीन साल जेल का नियम है। न्यायमूर्ति महेशचंद शर्मा ने राजस्थान सरकार से कहा कि वह गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित कराने के लिए केंद्र सरकार के साथ समन्वय करे। बुधवार को शर्मा का अंतिम कार्यदिवस था। जस्टिस शर्मा ने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव और एडवोकेट जनरल को गाय का कानूनी अभिरक्षक होना चाहिए। कोर्ट ने यह टिप्पणी ¨हगौनिया गोशाला मामले में सुनवाई के दौरान की। पिछले साल अगस्त में जयपुर से मात्र 35 किमी दूर ¨हगौनिया गोशाला में 500 गायों के मरने की खबर आई थी।
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साभार: जागरण समाचार 
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