Thursday, November 3, 2016

सातवें वेतन आयोग को लागू करने में सरकार कर गई आंकड़ों की बाजीगरी, कर्मचारी खासे नाराज

सातवें वेतन आयोग की संशोधित सिफारिशें एक जनवरी 2016 से लागू कर हरियाणा भले ही देश का पहला राज्य बन गया है और इस फैसले से खजाने पर 1650 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, किंतु कर्मचारियों को सरकार का यह तोहफा कुबूल नहीं। उनका कहना है कि सरकार बेसिक वेतन और भत्ताें में बढ़ोतरी को
अलग-अलग गिनते हुए इसे 32 फीसद बता रही है, जबकि असल में बढ़ोतरी 14.29% हुई है। आंकड़ों की बाजीगरी के कारण कर्मचारी बिफरे हैं।
कर्मचारियों की मानें तो उनके पल्ले ज्यादा कुछ नहीं आने वाला। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से पहले वेतन विसंगतियां दूर कर पंजाब के समान वेतनमान दिया जाना चाहिए था। सरकार यह वेतनमान देकर अपनी पीठ थपथपा रही है, जबकि कर्मचारी नेताओं का दावा है कि उनके सुझावों को पूरी तरह दरकिनार कर हितों की अनदेखी की गई है। मनोहर सरकार ने प्रदेश के करीब ढाई लाख कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की संशोधित सिफारिशों का लाभ देने की घोषणा की है। साथ ही ठेके और आउटसोसिर्ंग पर काम कर रहे 75 हजार कर्मचारियों को भी लाभान्वित करने के लिए विभागाध्यक्षों से रिपोर्ट मांगी गई है। मुख्य सचिव डीएस ढेसी के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के सवा लाख कर्मचारियों को मिलने वाली दो हजार रुपये मासिक की अंतरिम राहत को उनके वेतन में ही मर्ज कर दिया गया। पुलिस कर्मियों को मिलने वाला पांच हजार रुपये का जोखिम भत्ता भी 31 मार्च के बाद नहीं मिलेगा। इन फैसलों से कर्मचारी खफा हैं।
प्रदेश सरकार कर्मचारियों के हित में काम कर रही है। कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां जी माधवन आयोग की सिफारिशों के आधार पर दूर की जा चुकी हैं। इसे अनावश्यक मुद्दा बनाया जा रहा है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को देशभर में हमने सर्वप्रथम लागू किया। जहां तक पंजाब के समान वेतनमान की बात है, हम पुलिस और मिनिस्ट्रीयल स्टाफ को छोड़कर बाकी कर्मचारियों को पहले ही अधिक भुगतान कर रहे हैं। भेदभाव के आरोप गलत हैं। पंजाब के समान वेतनमान लागू होने से अधिकतर कर्मचारियों को नुकसान होगा और उनका वेतन कम होने की आशंका पैदा हो सकती है। - कैप्टन अभिमन्यु, वित्त मंत्री, हरियाणा।

सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के नाम पर कर्मचारियों को मूर्ख बनाया। हरियाणा दिवस पर गुरुग्राम में आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कर्मचारी कोई बखेड़ा न कर दें, इसलिए सरकार ने चालाकी दिखाते हुए एक नवंबर से सातवां वेतन आयोग लागू करने की घोषणा कर दी। इस पर पूरी तरह अमल होगा, इस पर संशय है। - अभय चौटाला, विपक्ष के नेता
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साभारजागरण समाचार 
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