Tuesday, February 17, 2015

आयकर में छूट के लिए बढ़ सकती है सीमाएं

नोट: इस पोस्ट को सोशल साइट्स पर शेयर/ ईमेल करने के लिए इस पोस्ट के नीचे दिए गए बटन प्रयोग करें। 
दिल्ली चुनाव में शिकस्त और बिहार व पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को देखते हुए आगामी बजट जनता के लिए कर रियायतों का सबब बन सकता है। जनता को राहत देने के उद्देश्य से सरकार इस बजट में बचत पर कर छूट का दायरा बढ़ा सकती है। यही नहीं कर रियायत पाने वाली बचतों की सूची का भी विस्तार होने की
संभावना जताई जा रही है। सूत्रों का मानना है कि दिल्ली चुनाव में बुरी तरह पराजित होने के बाद बजट को लेकर सरकार के नजरिये में थोड़ा बदलाव आया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें खासी रुचि लेना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि जनता को कर राहत के रूप में कुछ रियायतों पर नए सिरे से विचार किया गया है। रियायत देने के लिए नई संभावनाएं तलाशी गई हैं जिनमें बचत पर कर छूट का दायरा बढ़ाना शामिल है।1वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते साल जुलाई में बजट पेश करते हुए ही बचत पर कर रियायतों की सीमा को एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये कर दिया था। लिहाजा वित्त मंत्रलय में अभी इसे और बढ़ाना संभव नहीं माना जा रहा। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि इस सीमा में आने वाले बचत उपकरणों (इंस्ट्रूमेंट्स) की सूची का विस्तार किया जा सकता है। इसके तहत संपूर्ण म्यूचुअल फंड क्षेत्र को लाया जा सकता है। अभी म्यूचु्अल फंड में केवल इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम से जुड़े फंडों में निवेश पर ही टैक्स छूट मिलती है। लेकिन बजट में वित्त मंत्री सभी तरह के म्यूचुअल फंडों में निवेश को कर छूट के दायरे में शामिल कर सकते हैं। इसी तरह स्वास्थ्य बीमा पर मिलने वाली कर रियायत की सीमा को भी बढ़ाया जा सकता है। हेल्थ बीमा प्रीमियम डेढ़ लाख रुपये की बचत सीमा के दायरे से बाहर आता है। अभी इसकी सीमा 15,000 रुपये सालाना है। यानी डेढ़ लाख रुपये की बचत सीमा के अतिरिक्त स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर सालाना पंद्रह हजार रुपये की कर छूट मिलती है। 80 डी के तहत मिलने वाली इस छूट की सीमा को सरकार बजट में बढ़ाकर 20,000 रुपये कर सकती है। इसके अतिरिक्त बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए फंड आकर्षित करने के उद्देश्य से इंफ्रास्ट्रक्चर बांडों में निवेश पर कर छूट की सीमा मौजूदा 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये की जा सकती है। यह बचत भी डेढ़ लाख रुपये की कर रियायत की सीमा से बाहर है। सरकार का मानना है कि ऐसे कदम न केवल लोगों को कर बचत में राहत देंगे, बल्कि लाभकारी इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश के लिए भी आकर्षित होंगे। 

Post published at www.nareshjangra.blogspot.com
साभार: जागरण समाचार
For getting Job-alerts and Education News, join our Facebook Group “EMPLOYMENT BULLETIN” by clicking HERE . Please like our Facebook Page HARSAMACHAR for other important updates from each and every field.