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वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए जाने
वाले आगामी बजट में वेतनभोगियों और मध्य वर्ग को आय कर राहत की सौगात मिल
सकती है। सूत्रों के मुताबिक 80 सी के तहत निवेश की सीमा को डेढ़ लाख रुपये
से बढ़ा कर दो लाख रुपये किया जा सकता है, वहीं सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर
बांड में निवेश पर आय कर में छूट देने की
परिपाटी फिर से शुरू कर सकती है। वित्त
मंत्रालय के सूत्र के मुताबिक सरकार वेतनभोगी और मध्य वर्ग को आय कर में
राहत देने के रास्ते तलाश रही है। दरअसल सरकार का मानना है कि यदि वेतनभोगी
के पास कुछ पैसे बचते हैं तो उसका उपयोग अपनी उन आवश्यकताओं को पूरी करने
में करेगा, जो कि कर के भार की वजह से नहीं कर पाते। सरकार चाहती है कि
उन्हें कर में छूट देकर कुछ पैसे उनकी जेब में डाले। पैसे बचेंगे तो वह
खरीदारी करेंगे जिससे उत्पादन बढ़ेगा और अप्रत्यक्ष कर में इजाफा होगा। ढांचागत सरंचना क्षेत्र में निवेश के लिए अधिक से अधिक राशि मिले, इसके
लिए इस बार फिर से इंफ्रास्ट्रक्चर बांड में निवेश पर 20,000 रुपये पर आय
कर में छूट की परिपाटी शुरू की जा सकती है। कुछ वर्ष पहले तक
इंफ्रास्ट्रक्चर बांड में निवेश पर साल में 20,000 रुपये पर आय कर में अलग
से छूट मिलती थी। लेकिन इसे बाद में खत्म कर दिया गया था। संभावना है कि इस
बजट में फिर से इसे शुरू कर दिया जाए। उनके मुताबिक सरकार का जोर कर की दर
नहीं बल्कि कर का दायरा बढ़ा कर आमदनी बढ़ाने पर होगा। - निवेश में छूट की सीमा डेढ़ लाख रुपये से बढ़ा कर की जा सकती है दो लाख
- इंफ्रास्ट्रक्चर बांड में निवेश पर कर छूट की फिर से हो सकती है घोषणा
- कर छूट के जरिए लोगों की जेब में खर्च करने के लिए पैसे डालना चाहती है सरकार
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साभार: अमर उजाला समाचार
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