मध्य प्रदेश में गुरुवार को भी हिंसा और उपद्रव जारी रहा। शाजापुर में नाराज किसानों ने उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को दौड़ाकर बुरी तरह पीटा। इस दौरान उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया। गुस्साए लोगों ने कई वाहनों में
आग लगा दी। उपद्रव और पथराव में पुलिसकíमयों सहित एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस बीच मंदसौर जिले में 62 लोगों को हिरासत में लिया गया है। यहां शाम 4 से 6 बजे के बीच कफ्यरू में दो घंटे की ढील दी गई। प्रदेश के कई अन्य हिस्सों से हिंसा और आगजनी की खबरें हैं। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। वहीं किसान आंदोलन को संभालने में नाकाम रहे मंदसौर कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक ओपी त्रिपाठी को सरकार ने गुरुवार को हटा दिया। दूसरी ओर प्रदेश की ओर से केंद्र को भेजी गई रिपोर्ट में सरकार में किसानों को भड़काने के लिए कांग्रेस को भी जिम्मेदार माना है।
गौरतलब है कि मंदसौर आंदोलन के दौरान पुलिस के गोली चलाने से छह किसानों की मौत की घटना के बाद सरकार ने गोपनीय रिपोर्ट मौंगी थी, जिसमें कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की लापरवाही उजागर हुई। इसके बाद दोनों अधिकारियों को हटाने का निर्णय मुख्यमंत्री ने लिया। वहीं शाजापुर में प्याज खरीद के दौरान मंडी में विवाद के बाद नाराज किसानों ने एक ट्रक और चार मोटरसाइकलें फूंक दीं। दोपहर 12.30 बजे किसान मंडी पहुंचे तो वहां सरकारी खरीदी हो रही थी, किसानों की मांग थी कि 10 जून तक खरीदी न हो। कलेक्टर-एसपी ने यह मांग मान भी ली, इसके बावजूद किसान बेकाबू हो गए और उन्होंने ट्रक में आग लगा दी। पुलिस ने इन्हें रोका तो वे पथराव करने लगे। जवाब में पुलिस ने 100 से ज्यादा आंसू गैस के गोले छोड़े। चार घंटे तक मंडी व एबी रोड पर उत्पात मचाया। इस बीच मौके पर पहुंचे एसडीएम राजेश यादव को घेरकर पीटा गया, जिससे वह बेहोश हो गए। उनके पैर में फ्रेक्चर भी हुआ है। वहीं मंदसौर जिले में 62 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
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साभार: जागरण समाचार
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