Friday, June 9, 2017

एमपी महाराष्ट्र की आंच पहुँच सकती है हरियाणा में भी: किसान आंदोलन भड़कने के आसार

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन की आंच हरियाणा तक भी पहुंच सकती हैं। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने इन तीनों राज्यों के किसान आंदोलन का समर्थन कर दिया है। कांग्रेस
और इनेलो भी किसानों के समर्थन में खड़े हो गए हैं। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी शुक्रवार को नई दिल्ली में किसानों की राष्ट्रीय स्तर की बैठक में भाग लेंगे। इसके बाद वे हरियाणा यूनिट की मीटिंग कर आंदोलन की रणनीति तय करेंगे। मध्य प्रदेश में किसानों पर फायरिंग के विरोध में भाकियू ने बृहस्पतिवार को कुरुक्षेत्र में केंद्र सरकार का पुतला भी फूंका। भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि हरियाणा में आंदोलन की रूपरेखा बैठक के बाद तय होगी। यह पोस्ट आप नरेशजाँगङा डॉट ब्लागस्पाट डॉट कॉम के सौजन्य से पढ़ रहे हैं। दूसरी ओर विपक्षी दलों ने भी केंद्र व राज्य सरकारों को घेरना शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा चुनावों में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वादा किया था। सत्ता में आने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दे दिया कि इस रिपोर्ट को लागू नहीं किया जा सकता। अपनी ही अध्यक्षता वाली मुख्यमंत्रियों के वìकग समूह की रिपोर्ट दिखाते हुए हुड्डा ने कहा, हमने भी किसानों की लागत पर पचास फीसद मुनाफा दिए जाने की सिफारिश की थी। कांग्रेस सरकार में बासमती का भाव छह हजार रुपये प्रति क्विंटल था जिसके आज तीन हजार भी नहीं मिले रहे। 1400 रुपये क्विंटल बिकने वाला पॉपुलर 300 रुपये तक सिमट गया है। आलू-टमाटर और प्याज के भाव पिटे हुए हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने कहा कि फसल को समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदे जाने से किसान मंडियों में औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हो गए। 
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साभार: जागरण समाचार 
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